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कांग्रेस ने गाजीपुर के सदर से लौटन राम और जखनियां से सुनील राम को घोषित किया प्रत्याशी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को 125 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में गाजीपुर की दो विधानसभाओं में प्रत्याशियों की घोषणा हुई है। कांग्रेस ने ने सदर से लौटन राम निषाद और जखनिया सीट से जिलाध्यक्ष सुनील राम को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर सपा, भाजपा  सहित अन्य पार्टियां प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही हैं।

हालांकि, बसपा ने पहले जनपद की मुहम्मदाबाद, जंगीपुर और जहूराबाद सीट पर प्रभारी प्रत्याशियों की घोषणा दिसंबर में कर दी है। उसके बाद अब कांग्रेस के दो प्रत्याशियों के नाम घोषित होने से चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी। कांग्रेस की पहली सूची में 125 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। जिसमें पूर्वांचल में गाजीपुर के अलावा चंदौली, आजमगढ़ की विधानसभा सीटे शामिल हैं। हालांकि गाजीपुर समेत पूर्वांचल के अधिकांश जिलों में सातवें चरण में चुनाव है। 

सकलडीहा से देवेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस प्रत्याशी

कांग्रेस ने चंदौली के सकलडीहा विधानसभा सीट से देवेंद्र प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सकलडीहा कस्बा निवासी देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना वर्ष 2000 में सकलडीहा पीजी कॉलेज में अध्यक्ष चुने गए। 2004 में कांग्रेस पार्टी में शमिल हुए। 2008 में जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री बने। वर्ष 2010 में कांग्रेेस के ही टिकट पर पत्नी श्वेता सिंह जिला पंचायत सदस्य बनाई गईं। उन्होंने बताया कि सकलडीहा विधानसभा पार्टी ने टिकट देकर जो भरोसा जताया है उसके जरूर पूरा करने का प्रयास करूंगा।

परिसीमन से बदलती रही सैदपुर सीट की भौगोलिक स्थितियां

परिसीमन के चलते सैदपुर विधानसभा सीट की भौगोलिक स्थितियां बदलती रही हैं। वर्ष 1952 में प्रदेश की लगभग सभी विधानसभा सीटें द्वीसदस्यीय  हुआ करतीं थी। तब इस विधानसभा सीट से कमला सिंह यादव भारतीय प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और देवराम कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। 1952 के बाद द्वीसदसीय प्रतिनिधित्व की व्यवस्था समाप्त कर दी गई और विधानसभा क्षेत्र में एक सदस्यीय प्रतिनिधित्व व्यवस्था लागू हुई।  

चुनाव आयोग की व्यवस्था के तहत दस वर्ष बाद हुए परिसीमन में वर्ष 1967 में यह सीट गाजीपुर जिले की न होकर वाराणसी जिले के अंतर्गत कर दी गई थी। सैदपुर सीट के 75 प्रतिशत मतदाता वाराणसी जिले के चोलापुर, हरहुआ एवं चिरईगांव आंशिक से हुआ करते थे। सैदपुर ब्लॉक के मात्र 25 प्रतिशत मतदाता ही इसमें शामिल थे।

उस वक्त सैदपुर विधानसभा क्षेत्र की सीट वाराणसी जिले की मानी जाती थी, इसलिए नामांकन से लेकर मतगणना तक के सभी कार्य वाराणसी जिले में ही हुआ करते थे। जीत-हार की घोषणा भी वाराणसी जिले से हुआ करती थी। उस समय सैदपुर की सीट सामान्य सीट के रूप में थी। इस विधानसभा सीट से कई दिग्गजों ने अपनी तकदीर आजमाई और प्रदेश सरकार में प्रतिनिधित्व भी किया। 

इस सीट के इतिहास में यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों में प्रभुनारायण सिंह, डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, लालजी चौहान एवं कैलाशनाथ यादव के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। वर्ष 2012 में सैदपुर सीट सामान्य नहीं रह गई। वर्ष 2012 में इस सीट को सुरक्षित सीट घोषित कर दिया गया और वाराणसी जिले के सभी भाग इस सीट से निकाल दिए गए।

वर्ष 2012 में सैदपुर सीट पुन: गाजीपुर जिले की सीट कर दी गई। इस सीट की भौगोलिक स्थिति बदलने के लिए सादात विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त कर इसे सैदपुर की सीट में तब्दील कर दिया गया। इसी सुरक्षित सीट पर सुभाष पासी ने वर्ष 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर अपना परचम लहराया। वे अब सपा का दामन छोड़कर भाजपा में आ गए हैं।

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