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रामलहर में पूर्वांचल की पहली महिला मंत्री बनी थीं शारदा चौहान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. वर्ष 1991 की रामलहर में जमानियां विधानसभा सीट पर भाजपा से जीत दर्ज करने वाली शारदा चौहान को न सिर्फ जिले की पहली विधायक बल्कि पूर्वांचल की पहली महिला मंत्री बनने का गौरव भी मिला था। उस समय के चुनाव में ग्रामीण महिलाओं में उनकी हेयर स्टाइल और जूतों पहनने की खूब चर्चा होती थी।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएससी व एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाली शारदा चौहान 1969 से राजनीति में सक्रिय हुईं। पहले वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ीं। 1980 से भाजपा में हैं और उन्होंने विभिन्न पदों की जिम्मेदारियां संभालीं। 1991 में पार्टी ने उन्हें जमानियां सीट से टिकट दिया। उस समय महिलाएं जब घर से निकलने में भी एक बार सोचती थीं, तब शारदा चौहान गांव-गांव घूम-घूम कर प्रचार करतीं थीं। 

शारदा चौहान जब गांव में पहुंचती थीं तो उन्हें देखने लिए महिलाओं में उत्सुकता रहती थीं। एक वाकया उनके साथ जमानियां के करमहरी में हुआ। वहां प्रचार के लिए पहुंचीं तो महिलाओं को आपस में बात करते हुए सुना, जो कह रही थीं कि 'लोग कहत हउवन की मेहरारू चुनाव लड़त हई, लेकिन इ त मरद लागत बा।

उन्होंने बताया कि उस समय महिलाओं ने कटे बाल और जूता पहने वाली महिला को नहीं देखा था। महिला होने के नाते उन्हें चुनौतियों का सामना तो करना पड़ा, लेकिन विजय मिलने तक उन्हें जनपद की पहली महिला विधायक बनने का गौरव मिला। इसके बाद कल्याण सिंह सरकार बनी तो उनके संघर्षों को देखते हुए राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (परिवहन एवं नियोजन) बनाया। वह पूरे पूर्वांचल की पहली महिला थीं, जो प्रदेश सरकार में मंत्री बनीं। वह 1976 से अब तक हाईकोर्ट में वकील हैं। (मीडिया इनपुट्स)

 
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