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बड़ी कार्रवाई: ड्यूटी से गायब रहने पर 55 बिजली अभियंता किए गए बर्खास्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड व उसकी सहयोगी कंपनियों पर बोझ बने 55 अवर अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया गया है। ये बिजली अभियंता बिना अनुमति लंबे समय से ड्यूटी से गायब थे। अभियंताओं की गैरहाजिरी का आलम ये रहा कि कारपोरेशन को आरोप पत्र उनके घर के पते पर भेजना पड़ा, फिर भी कोई उत्तर न मिलने पर आरोपपत्र की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई। आखिरकार आरोप सही मिलने पर सभी को सेवा से मुक्त कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में कार्यरत 91 अवर अभियंता ऐसे मिले हैं जो पद पर कार्यरत रहने के दौरान बिना किसी पूर्व सूचना या उच्चाधिकारियों की अनुमति के पांच साल से अधिक समय से अनुपस्थित थे। लंबे समय से गायब रहने पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने पिछले वर्ष 12 अप्रैल को मुख्य अभियंता जांच समिति को जांच के निर्देश दिए। जांच में पता चला कि कि अवर अभियंता पद पर तैनाती के बाद करीब दस साल से अधिक समय से वे कार्यालय नहीं आ रहे हैं।

इन अभियंताओं ने न तो इस संबंध में किसी को बताया और न ही वरिष्ठ अफसरों से अवकाश स्वीकृत कराया था। अवर अभियंताओं की वार्षिक गोपनीय आख्या भी अफसरों के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन में जानबूझकर शिथिलता बरतने को प्रबंधन ने कारपोरेशन के नियमों व उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के प्रविधानों का भी उल्लंघन माना है।

कारपोरेशन की जांच समिति की ओर से आरोपपत्र अभियंताओं के निवास के पते पर भेजे गए जिसका आरोपित कार्मिकों ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में आरोपपत्र को समाचारपत्रों में प्रकाशित कराया गया और जवाब न मिलने पर जांच रिपोर्ट कारपोरेशन प्रबंधन को भेजी गई। कहा गया कि कार्मिकों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन किसी ने संपर्क नहीं किया।

इसी तरह से अभियंताओं पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने से पहले उन्हें पक्ष रखने का एक और अवसर दिया गया लेकिन आरोपित अभियंताओं ने उसका संज्ञान नहीं लिया। आरोप सिद्ध होने पर 55 अवर अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया गया है, शेष अन्य अभियंताओं की जांच पूरी होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ये है नियमावली का संशोधित नियम : किसी भी सरकारी सेवक को भारत में वाह्य सेवा के अलावा लगातार पांच वर्षों तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के बाद किसी तरह का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। पांच साल से अधिक अनुपस्थित रहने पर अनुशासनिक कार्यवाही संबंधी नियमों के उपबंध लागू होंगे। अब सरकारी सेवक के पांच साल से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण सरकारी सेवा स्वत: समाप्त नहीं होगी, बल्कि इस आधार पर उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी और उसमें दोषी पाए जाने पर नियमों के तय दंड दिए जाएंगे।

मजबूरन उठाया सख्त कदम : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने कहा है कि बिजली महकमे में अवर अभियंताओं का अत्यधिक महत्व है, उनके तैनाती स्थल से गायब होने की वजह से कार्य प्रभावित हो रहा था इसलिए सख्त कदम उठाया गया है। देवराज के मुताबिक ड्यूटी से गायब और भी अभियंता हैं। उन पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।

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