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सरकारी नौकरी का लालच दिखाकर बेरोजगारों से ठगी, वाराणसी में हत्थे चढ़े गिरोह के तीन बदमाश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भारतीय सेना, रेलवे विभाग, सिचाई विभाग समेत विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना सहित तीन सदस्यों गिरफ्तार कर लिया। सिगरा और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में ठगो को विद्यापीठ रोड स्थित भारत माता मंदिर के निकट गिरफ्तार किया गया। अभ्युक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

कुछ दिनों से वाराणसी एवं इसके आस-पास के जनपदों के साथ-साथ हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर, लखनऊ आदि में आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग आदि विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों का एक अन्तर्राज्यीय गिरोह सक्रिय था। बेरोजगार युवकों से आवेदन पत्र भरवाकर उनका फर्जी मेडिकल कराते हुये फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगने की सूचना ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ ने एसटीएफ को दी। वाराणसी यूनिट को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इस क्रम में निरीक्षक अनिल कुमार सिंह एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी के नेतृत्व में टीम गठित करते हुये अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

इस दौरान पता चला कि इसी तरह के एक प्रकरण में जनपद वाराणसी के थाना सिगरा पर मु0अ0सं0 15/2021 धारा 419/420/ 467/468/471/406/504/506 भादवि पंजीकृत किया गया है। साथ ही सेना में भी भर्ती के नाम पर ठगी किया जा रहा है। प्रभारी निरीक्षक, सिगरा वाराणसी के सहयोग से धरातलीय श्रोतोे को विकसित करते हुये अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

रंगेहाथ गिरफ्तार

अभिसूचना संकलन के दौरान रविवार को विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग, आदि में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ थाना सिगरा क्षेत्रान्तर्गत काशी विद्यापीठ रोड पर भारत माता मंदिर के पास खड़ा है और कुछ लड़को को सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम पर ठगी करने के लिये उन्हें बुलाया है। उक्त सूचना पर एसटीएफ वाराणसी की टीम निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में तथा निरीक्षक धनन्जय पाण्डेय प्रभारी निरीक्षक थाना सिगरा के साथ मौके पर पहुंचकर ठगी करने वाले गिरोह के तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

अजय सिंह है सरगना

गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ एवं अभिसूचना संकलन से पाया गया गया कि इनका एक संगठित अन्तर्राज्यीय गिरोह है। गिरोह का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन पहले एक प्राइवेट कॉल सेन्टर पर नौकरी के दौरान प्राइवेट कम्पनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 05-05 हजार रूपये लेता था। इसी दौरान इसका सम्पर्क बिहार और प. बंगाल के अन्य जालसाजो से हो गया, जो नौकरी दिलाने के नाम पर पहले से ही ठगी का काम करते थे। 

इन लोगों ने मिलकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की योजना बनायी। ये लोग विभिन्न स्थानों पर अपने स्थानीय एजेण्ट विकसित कर उनके माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर इनका विभिन्न सरकारी विभाग में नौकरी के लिये फार्म भरवाते थे। इसके बाद संबंधित अभ्यर्थी का फर्जी एडमिट कार्ड बनाकर जरिये डाक उनके पते पर भेज देते थे। 

इसके बाद संबंधित विभाग के परिसर में अभ्यर्थियों को बुलाकर उनको झांसा देते हुये इस गैंग के सदस्य स्वयं साक्षात्कार लेते थे और इसके बाद इनका मेडिकल संबंधित विभाग/सेना के अस्पताल में कराते थे, जिससे कि अभ्यर्थियों को यह विश्वास हो जाये कि उनकी नौकरी सही प्रक्रिया के तहत हो रही है।

पांच से सात लाख में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर

इसके बाद इन अभ्यर्थियों से 5 से 7 लाख रुपये लेकर इनके पते पर फर्जी ज्वाईनिंग लेटर व आईडी बनाकर भेज देते थे। इसके बाद इस गैंग के लोग संबंधित विभाग के कार्यालय के परिसर के पास किराये पर कमरा लेकर वहॉं इन अभ्यर्थियों को 2-3 माह का प्रशिक्षण कराते थे और इसके बाद अभ्यर्थियों के बैंक खाते में इन्हीं के पूर्व में लिये गये पैसे में से 03 माह तक 25-25 हजार रुपये वेतन के नाम पर भेजते थे। इससे इन अभ्यर्थियों को यह आभास होता था कि उनकी वास्तव में नौकरी मिल गयी है और ये अभ्यर्थी अपने परिचित अन्य अभ्यर्थियों को इनसे मिलवा देते थे। इस तरह से जब ठगी से काफी रुपये एकत्रित हो जाता था, तब यह गायब हो जाते थे। उल्लेखनीय है कि गैंग सरगना अजीत प्रताप सिंह आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग, आदि में आऊटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों का टेण्डर लेने लगा।

अभ्यर्थियों से भारी धन लेकर यहॉ पर रखवा देता था और यह भरोसा दिलाता था कि दो साल काम करने के बाद से यहॉं पर नियमित रूप से नौकरी लग जायेगी। जब काफी संख्या में अभ्यर्थी आने लगे तो ये लोग हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर आदि जगहों पर अपनी आफिस खोलकर फर्जी तरीके से नौकरी लगवाने लगे। इस तरीके से इस गैंग ने करोड़ो रूपये कमाये। इनके पास से एक डायरी भी बरामद हुई है, इसमें जिन अभ्यर्थियों के साथ ठगी की गयी है, उनका नाम पता/विवरण अंकित है। इसमें अंकित नाम/पता का सत्यापन किया जा रहा है।

कुल बरामदगी

1- 10 अदद सेना से संबंधित कागजात।

2- 10 अदद रेलवे का फर्जी आईडी कार्ड।

3- रू0 1,00,009/- का विड्राल फार्म एसबीआई।

4- 03 वर्क भारत सरकार अंकित लिफाफा।

5- 12 वर्क रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र।

6- 08 वर्क विभिन्न विभाग की मुहर।

7- 14 वर्क रेलवे में नौकरी के लिये भरा हुआ फार्म।

8- 10 वर्क अभ्यर्थियों का फोटो सहित कागाजात की छायाप्रति।

9- 04 अदद मोबाइल फोन।

10- 01अदद डायरी

11- नगद 16,000 रुपये।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

1- अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन सिंह पुत्र शक्ति सिंह, निवासी जी-1/264/265 मदनगिरी 62 नई दिल्ली (सरगना)

2-धर्मेन्द्र कुमार पुत्र स्व हरिशंकर तिवारी, निवासी अरनज हामी, थाना साड, जनपद कानपुर देहात।

3-आशु सिंह पुत्र जगदीश राज, निवासी जीआई-275/276, मदनगिरी, अम्बेडकरनगर, नई दिल्ली।

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