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जंगीपुर में आज तक एक ही परिवार का रहा है कब्जा, बीजेपी की लहर में भी दौड़ी थी साइकिल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर विधानसभा जिले में जंगीपुर सीट (Jangipur Seat) अपना विशेष महत्व रखती है। यहां 2017 के चुनाव में सपा ने अपनी विजय पताका फहराया था। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की लहर के बावजूद यहां सपा का वर्चस्व रहा है। चुनावी जंग में यहां सपा और बसपा के ही बीच में भिड़ंत होती रहती है। ये सीट जबसे अस्तित्व में आई है, तबसे इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) का ही कब्जा है और वो भी एक ही परिवार का। पिता और माता के बाद पुत्र सपा से चुनाव लड़े और विजयी भी रहे। और इस बार भी मैदान में हैं।

गाजीपुर की जंगीपुर सीट पर 2017 में बीजेपी की लहर में भी कमल नहीं खिल सका। सपा इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। जंगीपुर विधानसभा सीट का इतिहास दो चुनाव पुराना है। नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई जंगीपुर विधानसभा सीट के लिए 2012 में पहली बार चुनाव हुए। कृषि प्रधान इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्वांचल की एक बड़ी अनाज मंडी भी है। 

इस विधानसभा सीट से गाजीपुर जिले की चार विधानसभा सीट- जहूराबाद, मोहम्मदाबाद, सदर और जखनियां की सीमाएं लगती हैं। जंगीपुर विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो 2012 में हुए पहले चुनाव में सपा के टिकट पर कैलाश यादव विजयी रहे। कैलाश यादव, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रहे। कैलाश यादव के निधन से रिक्त हुई सीट पर सपा ने उनकी पत्नी किस्मतिया देवी को टिकट दिया।

2017 में नहीं खिला कमल

उपचुनाव में किस्मतिया देवी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ी टक्कर दी। हालांकि, किस्मतिया देवी विजयी रहीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने कैलाश यादव के बेटे डॉक्टर वीरेंद्र यादव को टिकट दिया। वीरेंद्र यादव ने बीजेपी की लहर के बावजूद अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राम नरेश कुशवाहा को तीन हजार से अधिक वोट के अंतर से हराकर जंगीपुर विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। 2022 के चुनाव में सपा के डॉ वीरेंद्र यादव का सामना पिछले चुनाव में प्रतिद्वंदी रहे भाजपा के रामनरेश कुशवाहा से हो रहा है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने डॉ. मुकेश सिंह पर दांव लगाया है। जिसके बाद विधानसभा का चुनाव काफी रोचक हो चुका है।

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