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फर्जी ADM गिरफ्तार; इंस्पेक्टर व दारोगा पर तानी पिस्टल, झांसा देकर विधवा से की शादी, हड़प ली जमीन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर जिले की सदर पुलिस ने रविवार को भगवानपुर स्थित शांति विहार कॉलोनी में छापेमारी कर फर्जी एडीएम को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान पटना के गर्दनीबाग के आकाश कुमार के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस पर नकली पिस्टल भी तान दी थी। उसके आवास से प्रतिबंधित और आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए हैं। पुलिस गाड़ी में बैठाने के दौरान भागने का भी प्रयास किया। पुलिस जवानों को धक्का दे दिया।  

आरोपित के साला पटना निवासी प्रकाश कुमार ने शिकायत की थी। पुलिस को बताया था कि उसका बहनोई फर्जी एडीएम है। उनका आर्थिक शोषण कर रहा है। गुमराह कर जमीन आदि हड़प ली है। शिकायत के आलोक में सदर पुलिस ने दोपहर में शांति विहार कॉलोनी स्थित आवास पर छापा मारा। मौके से आरोपित को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, दो बार नगर डीएसपी कार्यालय में भी कटिहार एडीएम बनकर पैरवी करने पहुंचा था। नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि एक युवक से पूछताछ की जा रही है। उसके पास से कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं। चाकू और नकली पिस्टल मिली है। खुद को एडीएम बता रहा था, लेकिन जांच में उसकी बात गलत साबित हुई। आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 

इंस्पेक्टर व दारोगा पर तान दी पिस्टल

पुलिस सूत्रों की मानें तो जब सदर थाने के इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में टीम आकाश के आवास पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया तो वह धौंस देने लगा। जब पुलिस के आगे एक नहीं चली तो पिस्टल तान दी। कुछ देर के लिए पुलिस सकते में आ गई, लेकिन दोरागा जैनेंद्र कुमार झा और मणिभूषण ने पिस्टल की असलियत जानकर आकाश को पटककर पकड़ लिया। आरोपित कई बार सदर थाने के कई दारेागा पर अपना धौंस दिखा चुका था। 

झांसा देकर विधवा से कर ली शादी

साला प्रकाश ने बताया कि एक साल पूर्व वह एक केस में फंस गया था। इसमें उसकी बहन प्रभा का भी नाम था। वह और उसकी बहन सदर थाना आए थे। उस दौरान आरोपित से उसकी बहन की मुलाकात हुई। वह विधवा है, यह जानकर आरोपित सहानुभूति दिखाते उसके करीब आ गया। उसने अपना परिचय कटिहार एडीएम के रूप में दिया था। केस में भी मदद करने का झांसा दिया। धीरे-धीरे दोनों करीब आए और पिछले साल जुलाई में शादी कर ली। 

बहाना बनाकर लाखों रुपये ऐंठे

आरोपित ने ससुराल में कहा कि उसका ट्रांसफर मुजफ्फरपुर एडीएम के पद पर हो गया है। फिर यहां पर रहने लगा। प्रभा भी उसके साथ रहती थी। इसके बाद अलग-अलग बहाने बनाकर रुपए ऐंठने लगा। कभी सैलरी के नाम पर तो कभी विभागीय काम के नाम पर रुपये ऐंठते रहा। इस तरह उसकी बहन के खाते से भी आठ लाख रुपए निकाल लिए। फिर 10 लाख में उसका जेवर भी बेच दिया। इसके अलावा पटना में प्रभा के नाम की एक जमीन भी लिखा ली। फिर उसे 40 लाख में बेच दिया और पूरा कैश रख लिया। दो माह पूर्व डीएम में प्रमोशन होने के नाम पर भी रुपये ठगे। जानकारी लेने पर डीएम तो कभी कमिश्नर, कभी पटना व मुजफ्फरपुर एसएसपी या सीएम के पीए का कॉल आने की बात कहकर मोबाइल डिस्कनेक्ट कर देता था। सैलरी स्लिप भी नहीं दिखाता था। 

संपत्ति बेचने का पता लगा तब की शिकायत

प्रकाश ने बताया कि अपनी बहन का अकाउंट चेक किया। तब उसे पता लगा कि पूरा पैसा निकल चुका है। फिर उसने अपनी बहन से पूछताछ की तो उसने पूरी बात बताई। इसके बाद वह रविवार को शिकायत करने थाने पहुंचा। 

घर से मिले प्रतिबंधित सामान

कटिहार और मुजफ्फरपुर एडीएम के नेम प्लेट, मुजफ्फरपुर समाहरणालय का प्लेट, कई दस्तावेज, दो नकली पिस्टल, कई मेडल, लालबत्ती, तीन वायरलेस सेट, बिहार सरकार का आईकार्ड, चाकू।

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