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ममता बनर्जी को बनारस में काला झंडा दिखाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के चेतगंज में गत बुधवार (दो मार्च) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को काला झंडा दिखाने और विरोध में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ चेतगंज पुलिस मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा चेतगंज के ज्वलेर्स व्यवसायी नितेश जायसवाल ने कराई है। 

वहीं, मुख्यमंत्री ममता के खिलाफ नारेबाजी करने वाले हिंदु युवा वाहिनी और भाजपा कार्यकर्ताओं की तलाश में चेतगंज पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन कोई हाथ नहीं लगा। मुख्यमंत्री के काफिले के सामने अचानक आने और काला झंडा दिखाने को लेकर चेतगंज पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। जबकि कमिश्नरेट पुलिस को पहले से मालूम था कि बनारस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का विरोध होना है, फिर भी लापरवाही बरती गई।

बंगाल चुनाव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता आमने-सामने थे। दोनों पार्टी के नेताओं ने एक-दूसरे पर तंज कसने के साथ आरोप-प्रत्यारोप लगाया था। ममता बनर्जी को बनारस आने को लेकर पुलिस ने चिंता जताई थी। अधिकारियों ने बैठक कर पुलिस कर्मियों को सतर्क रहने को कहा गया था। खुफिया विभाग को भी लगाया गया था जिससे कोई सूचना मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। बुधवार को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के लिए ममता बनर्जी लहुराबीर पर पहुंची कि सड़क के किनारे खड़े लोग हूटिंग करने लगे। 

चेतगंज थाने से कुछ कदम आगे मुख्यमंत्री का काफिला बढ़ते ही हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए और काला झंडा दिखाने लगे। इससे नाराज ममता बनर्जी कार से उतर गई। पुलिस की मौजूदगी में लोग काला झंडा दिखाने के साथ विरोध में नारेबाजी करते रहे। 

पुलिस ने किसी तरह लोगों को हटाकर मुख्यमंत्री को दशाश्वमेध घाट गंगा आरती में भेजा। इस बारे में वरुणा जोन के डीसीपी आदित्य का कहना है कि चेतगंज में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने के मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा को रिपोर्ट भेजी गई है। वहीं, नितेश जायसवाल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है। 

 
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