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आजम खां को देशद्रोह के मामले में मिली राहत, कोर्ट ने खारिज किया परिवाद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. सीतापुर जेल में बंद आजम खां के समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कहने की अटकलों के बीच उनके लिए एक राहतभरी खबर आई है। रामपुर शहर विधायक आजम खां पर 80 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। वर्ष 2014 में आजम खां के खिलाफ देशद्रोह का मामला सामने आया था। कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया था। मामले में मुरादाबाद एमपीएमएलए कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया है। देशद्रोह का यह मामला सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन की पार्टी में हुए खर्च को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आजम खां के आपत्तिजनक बयान पर दर्ज हुआ था।

सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां पर देशद्रोह का परिवाद दर्ज किया गया था। इस मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने लगभग सात साल बाद इस परिवाद को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। वादी मुकदमा के द्वारा कोर्ट में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने पर इस परिवाद को खारिज कर दिया गया। परिवादी ने अब इस मामले को रिवीजन के लिए जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट में दाखिल करने की बात कही है।

21 नवंबर 2014 को तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के जन्म दिवस रामपुर में मनाया गया था। जश्न के दौरान मीडिया ने जब सपा विधायक आजम खां से समारोह में हुए खर्च को लेकर सवाल किया,तो सपा नेता ने खर्च का पूरा पैसा आतंकवादियों और उनके संगठन के द्वारा देने बात कही थी। मीडिया में इस बयान को देखने के बाद शिवसेना के उप राज्य प्रमुख मुगलपुरा थाना क्षेत्र के कानून गोयान मुहल्ला निवासी विपिन भटनागर में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

लेकिन थाना स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। लगभग सात साल से इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। मंगलवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुनवाई के बाद परिवाद को खारिज कर दिया। कोर्ट ने परिवाद को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में वादी मुकदमा की ओर से कोई भी ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए। जिसके आधार पर इस परिवाद को खारिज किया जाता है। वहीं परिवाद खारिज होने के बाद शिवसेना नेता विपिन भटनागर ने कहा कि वह इस मामले को लेकर जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट में रिवीजन दाखिल करेंगे। इसके साथ ही पुख्ता साक्ष्य भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे।

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