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माफिया मुख्तार अंसारी की सुरक्षा और सख्त, बाडी वार्न कैमरों से लैस जेल कर्मी कर रहे निगरानी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी सहित पूरे जेल की सुरक्षा अब और चाक-चौबंद कर दी गई है। बैरक के आसपास सीसीटीवी के साथ सुरक्षा में लगे जेल स्टाफ को बाडी वार्न कैमरों से लैस किया गया है। 28 मार्च को जब मुख्तार को लखनऊ पेशी में ले जाना था, उससे पहले बांदा जेल से यह बात लीक हो गई थी, इसी के बाद यह कदम उठाया गया है।

मुख्तार अंसासी के बांदा में रहने वाले करीबी लोग पुलिस की राडार पर हैं। पेशी में जाने की बात लीक होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को चिंहित किया है। जिसमें यह बात भी सामने आ रही है कि कुछ लोग उसके स्वजन से मिलने पूर्व में मऊ तक जा चुके हैं। उसके परिवार के लोगों से इन कारखासों के अच्छे ताल्लुक बन चुके हैं। जिससे वह पल-पल की खबरें वहां तक पहुंचाते हैं।

पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को पिछले वर्ष 2021 की छह अप्रैल को पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा भेजा गया था। एक वर्ष से मुख्तार यहां के मंडल कारागार में बंद है। उसके यहां आने से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह हाईटेक बनी है। पीएसी से लेकर बंदी रक्षकों की स्पेशल ड्यूटी सुरक्षा में लगाई जाती है। प्रतिमाह गैर जनपद के बंदी रक्षकों बदले जाते हैं। सीसीटीवी कैमरे व बाडी वार्न कैमरों से निगरानी हो रही है।

मुख्तार से जुड़ी खास बातों को गोपनीय रखा जाता है। लेकिन 28 मार्च को जब मुख्तार को लखनऊ पेशी में ले जाना था। इसके पहले बांदा से यह बात लीक हो चुकी थी। मुख्तार अंसारी के मऊ विधायक पुत्र अब्बास ने ट्वीट कर अनहोनी की आशंका जाहिर की थी। खबर कैसे लीक हो गई अधिकारियों के कान खड़े हो गए थे।

पुलिस ने अपने स्तर से मामले की जांच की तो कुछ ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जो मुख्तार के काफी करीबी बने हैं। मददगार के रूप में वह मऊ मुख्तार के स्वजन व खास लोगों से भी मिल चुके हैं। उनके कारखास बनकर मदद करते हैं। अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ऐसे लोगों पर बराबर नजर रख रही है। एएसपी लक्ष्मी निवासी मिश्र ने बताया कि जांच के कोई आदेश नहीं मिले हैं। लेकिन ऐसे लोगों का पता कर बराबर नजर रखी जा रही है।

पेशी के दौरान मुख्तार अपनी सुरक्षा और जेल कर्मियों पर बदसलूकी का आरोप लगाता रहा है। हाल ही में उसके बेटे और विधायक अब्बास अंसारी ने भी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए थे, जिसको लेकर शासन के निर्देश पर बांदा जेल में अब सुरक्षा कर्मी बाडी वार्न कैमरों से लैस रहेंगे, जो उनकी वर्दी में लगाया जाएगा।

मुख्तार की पेशी की बात लीक होने के मामले को डीजी जेल आनंद कुमार ने भी संज्ञान लिया था। मामले की जांच डीआइजी संजीव त्रिपाठी को सौंपी थी। डीआइजी ने सप्ताह भर पहले बांदा जेल आकर जेल के अधिकारी व कर्मियों के अलग-अलग बयान लिए थे। उन्होंने अपने दर्ज किए गए बयानों की रिपोर्ट डीजी को सौंपी थी।

डीआइजी संजीव त्रिपाठी का कहना है कि प्रदेश की पांच जेलों में बाडी वार्न कैमरों को लैस करने का निर्देश आया है, जिसमें बांदा जेल भी शामिल है। बांदा जेल में एक बार मे 5 सुरक्षा कर्मियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है, अभी तक 10 कैमरे शासन से प्राप्त हुए हैं।

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