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बहन ने प्रेमी से मिलकर भाई पर कराया जानलेवा हमला, धरे गये चाचा; 50 दिन से काट रहे जेल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर पिपराइच थाना क्षेत्र के चकरामपुर गांव के तेंदुआ टोला निवासी मुस्तकीम को पहले उसके पट्टीदार ने फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजवा दिया अब जब असली गुनहगार जेल पहुंच गए हैं तब पुलिस की लाल फीताशाही उसे बाहर नहीं निकलने दे रही है। हाल यह है कि पट्टीदारों की गलती से मुस्तकीम को 50 दिन तक जेल में रहना पड़ा और अब बेगुनाही के बाद पुलिस की सुस्ती से दस दिन से जेल में है। विवेचक की माने तो 169 की रिपोर्ट भेजने के साथ ही शनिवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। मुस्तकीम के जल्द ही घर पहुंचने की उम्मीद है।

दरअसल, 17 फरवरी की रात में मुस्तकीम के भतीजे इरशाद पर जानलेवा हमला हुआ था। 18 फरवरी की सुबह करीब 7 बजे गुलरिहा पुलिस मुस्तकीम के पिपराइच स्थित तेंदुआ गांव में पहुंची और हिरासत में लेकर थाने चली गई। बेगुनाह होने के बाद भी मुस्तकीम को जेल जाना पड़ा। उधर विवेचना के दौरान पता चला। इरशाद की बहन ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसपर जानलेवा हमला कराई थी। इसमें मुस्तकीम की कोई गलती नहीं है वह बेगुनाह है। गुलरिहा पुलिस ने आठ अप्रैल को इरशाद पर हमले के आरोप में उसकी बहन और प्रेमी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसपी साउथ मनोज कुमार अवस्थी ने कहा था कि पुलिस की तरफ से रिपोर्ट देकर बेगुनाह मुस्तकीम को जेल से निकाला जाएगा पर हाल यह है कि असली गुनहगारों की गिरफ्तारी हुए भी दस दिन बीत गए पर बेगुनाह अभी भी जेल में है।

गुनहगार को पकड़ने के आठ दिन बाद बेगुनाह के पक्ष में गई रिपोर्ट

घटना की विवेचना कर रहे गुलरिहा थाने के दरोगा विजय शंकर यादव ने बताया कि घायल मुस्तकीन की तबीयत में सुधार हुआ और उससे पूछताछ की गई तो सच सामने आ गया। उन्होंने कहा कि मुस्तकीम को जेल से बाहर निकालने के लिए 169 की रिपोर्ट के साथ ही शनिवार को केस की चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है। न्यायालय में बेगुनाह होने से सम्बंधित एक प्रार्थना पत्र दाखिल करने के बाद वह घर आ जायेगा। हालांकि उन्होंने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने में आठ दिन क्यों लगा दिए इसका कोई जवाब नहीं है।

बेगुनाह पति के जेल में बीते दिनों का हिसाब कौन देगा

मुस्तकीम की पत्नी हुस्नआरा ने कहा कि असली आरोपितों को जेल गए अब दस दिन हो गए हैं पर उनके बेगुनाह पति इस दस दिन में भी नहीं छुट पाए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके पति बेगुनाह होते हुए इतने दिन दिन जेल में रहे उसका हिसाब कौन देगा? वह इस बात से भी काफी परेशान हैं कि पति को जेल से बाहर लाने में खर्च होने वाले रुपये वह कहां से लाएगी।

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