Today Breaking News

रेल कर्मी काम में सुधार लाएं वरना घर जाएं - रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनय कुमार त्रिपाठी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) पर व्याप्त दुर्व्यवस्था देख भड़के सीआरबी (रेलवे बोर्ड के चेयरमैन) व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय कुमार त्रिपाठी ने अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई। प्लेटफार्म पर खुले बिजली के तार और उसकी अनदेखी पर बिफरे सीआरबी ने उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कार्यशैली में सुधार लाएं वरना घर जाएं।

इसके पूर्व शनिवार को कैंट स्टेशन पहुंचे सीआरबी विनय कुमार त्रिपाठी ने मुख्य यात्री हाल का जायजा लिया। साथ मौजूद उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों से यात्री सुविधाओं की जानकारी मांगी। तदुपरांत प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचे विनय कुमार त्रिपाठी की भृकुटी तन गई। दुर्व्यवस्था पर सवाल किए, जिसे देख अधिकारी बगली झांकने लगे। उन्होंने राइट्स और निर्माण विभाग (इंजिनियरिंग विभाग) के अधिकारियों की क्लास लगाई। कहा कि भारतीय रेलवे एक है इसे एक दूसरे विभाग में बांटने के बजाय काम को पूरा करे। कहा कि वाशेबुल एप्रेन परियोजना को तत्काल बंद करे।

पानी की बर्बादी से चढ़ा पारा

निरीक्षण के दौरान सीआरबी की निगाह प्लेटफार्म नंबर तीन - चार के मध्य वॉटर हाइड्रेंट पाईप से बर्बाद होते पानी पर पड़ी। यह देख उनका पारा चढ़ गया। इसके जिम्मेदार आईओडब्ल्यू (स्टेशन) को तलब किया गया। उन्होंने कहा कि शाम तक पाईप लिकेज की समस्या को दूर करे वरना नौकरी छोड़ दे। 

प्लेटफार्म नंबर पांच स्थित कैरेज साइडिंग में बेतरतीब फैले बिजली के तार से नाराज हुए। अधिकारियों की सफ़ाई पर कहा कि मुझे उत्तर रेलवे में 18 साल के कार्य का अनुभव है। इसके बाद फूट ओवरब्रिज से परिसर में प्रस्तावित विकास कार्यों का जायजा लिया। तीसरे आउटडोर फूट ओवरब्रिज निर्माण में धीमी प्रगति पर नाखुशी जताई। कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष यह ओवरब्रीज मार्च 2023 तक पूरा होता नही दिख रहा।

रोपवे स्टेशन पर विचार

निरीक्षण के उपरांत सीआरबी विनय कुमार त्रिपाठी ने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से मुलाकात की। स्टेशन निदेशक कक्ष में वार्ता के दौरान मंडलायुक्त ने विनय त्रिपाठी को रोपवे की परियोजना से अवगत कराया। वीडीए वीसी ईशा दुहन ने परियोजना का गूगल लेआउट पेश किया। जिला प्रशासन की तरफ से कैंट स्टेशन के विस्तारित भवन के समीप रोपवे स्टेशन बनाने का सुझाव रखा गया। इसे लेकर रेल और जिला प्रशासन में काफ़ी देर तक चर्चा हुई।

'