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गैंगरेप की FIR न लिखना पड़ा महंगा, पूर्व CO और इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, रामपुर. गैंगरेप पीड़िता की एफआईआर न लिखना रामपुर के पूर्व सीओ सिटी और तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. निलंबित चल रहे रामपुर के पूर्व सीओ सिटी विद्या किशोर शर्मा और तत्कालीन गंज कोतवाली प्रभारी दुर्गा सिंह के खिलाफ डीआईजी द्वारा गठित एसआईटी ने सिविल लाइंस कोतवाली में IPC की धारा 166ए में मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही डीआईजी ने दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय लखनऊ को भेज दी है.

गौरतलब है कि 5 अप्रैल 2021 को गंज कोतवाली क्षेत्र स्थित अस्पताल में महिला के साथ गैंगरेप किया गया था. इसके बाद पीड़िता ने 112 पर फ़ोन कर इसकी शिकायत की थी. जिसके बाद पुलिस उसे सिविल लाइन्स थाने ले आई थी. आरोप है कि उस वक्त मौके पर सीओ सिटी और इंस्पेक्टर मौजूद थे. बावजूद इसके पीड़िता की रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई. सात महीने के बाद जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामपुर पहुंचे तो सीएम के कार्यक्रम में पीड़िता ने आत्मदाह की धमकी दी थी. आत्मदाह की धमकी के बाद नवंबर 2021 में महिला की ओर से मुकदमा लिखवाया गया. इसमें अस्पताल संचालक विनोद कुमार यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत चार को नामजद किया गया था.

एसआईटी ने जांच में दोनों को पाया दोषी

मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद डीआईजी शलभ माथुर ने एसआईटी गठित कर जांच बैठा दी और इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था. इसी मामले में पांच लाख की घूस लेते हुए सीओ विद्या किशोर का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पूर्व सीओ और इंस्पेक्टर दोनों को दोषी पाया और दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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