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कर्ज के बढ़ते ब्याज से परेशान होकर की थी बदरे आलम की हत्या - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दिलदारनगर थाना पुलिस और स्वाट टीम ने दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को बदरे आलम हत्याकांड का राजफाश कर किया। पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कर्ज का पैसा न लौटाना पड़े और तालाब के विवाद को लेकर बदरे आलम की हत्या की गई थी।

एसपी ने बताया कि दिलदारनगर थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव के सिवान में 27 अप्रैल की सुबह जमानियां कोतवाली क्षेत्र के मुहम्मदपुर निवासी बदरे आलम का धारदार हथियार से वार कर हत्या कर फेंका गया शव मिला था। पत्नी की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की छानबीन करते हुए हत्यारोपियों की तलाश में जुटी थी। गिरफ्तारी के लिए स्वाट व सर्विलांस टीम को भी लगाया गया था। पुलिस ने गुरुवार की शाम करीब पांच बजे दिलदारनगर क्षेत्र के फुल्ली नहर पुलिया के पास से जमानियां के मुहम्मदपुर निवासी संदीप गुप्ता व बेटाबर कला निवासी सोनू उर्फ सूरजभान पासी को गिरफ्तार किया।

इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू/बांका घटनास्थल से थोड़ी दूर स्थित बबूल के पेड़ की झाड़ से बरामद किया गया। पूछताछ में अभियुक्त संदीप गुप्ता ने बताया कि गांव के बदरे आलम ने उसे दस प्रतिशत पर एक लाख रुपये वर्ष 2021 में उधार में दिए थे। इस वर्ष फरवरी में उसके पिता जमीन बेचकर बदरे आलम को एक लाख रुपये वापस किए थे, लेकिन बदरे आलम अक्सर तगादा करते हुए उसकी दुकान पर आते थे और कहते थे कि एक लाख बीस हजार रुपये और देना है।

बदरे आलम से उसी गांव के अब्बास खां का तालाब के विवाद को लेकर दुश्मनी हो चल रही थी। करीब एक माह पहले अब्बास ने संदीप से कहा कि यदि किसी तरह बदरे आलम को शेरपुर मुसहर बस्ती पुलिया के पास ले आओ तो 20 लाख रुपये दूंगा। इसके बाद संदीप ने अपने मित्र सोनू को पैसे का लालच देकर प्लान तैयार किया। इसके तहत उसने 25 अप्रैल को बदरे आलक को पांडेय मोड़ के पास बुलाया, जहां पहले से मौजूद सोनू, अब्बास व उसके साथियों ने मिलकर बदरे आलम को पकड़ लिया।

सोनू तथा संदीप ने चाकू/बांका से बदरे आलम के शरीर पर कई वार किए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। एसपी ने बताया कि अभियुक्तों का संबंधित धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया गया है।

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