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दो बच्चों के साथ अपने परिवार से मिली महिला, बंगाल से भटकर आई थी गाजीपुर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसमें प्रमुख रूप से प्रोवेशन कार्यालय अंतर्गत संचालित होने वाला महिला शक्ति केंद्र/सखी वन स्टाप सेंटर हैं। जहां पर घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं, लावारिस महिलाओं की देखभाल करना तथा भटकते हुए महिलाओं को उसके परिजनों से मिलवाने का कार्य होता है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना काफी कारीगर साबित हो रही है और महिलाओं के सुरक्षा में अहमभूमिका निभा रही है। जिसका ताजा उदाहरण गाजीपुर की महिला शक्ति केंद्र/सखी वन स्टाप सेंटर ने पेश किया है।

मामला बंगाल से भटक कर गाजीपुर में आई महिला सीमा राजभर उर्फ रतनी देवी पति स्वर्गीय सिंहासन राजभर से जुड़ा है। यह महिला 18 मई को जंगीपुर थाना क्षेत्र में भटक कर चली आई थी। जंगीपुर पुलिस ने उस महिला से पूछताछ किया, लेकिन महिला कुछ नही बता पा रही थी। तब जंगीपुर पुलिस ने गाजीपुर सखी वन स्टॉप सेंटर में संपर्क किया और महिला को सुपुर्द कर दिया। महिला उस समय काफी परेशान थी। उसके साथ दो बच्चे भी थे और यह महिला कुछ भी बताने के स्थिति में नहीं थी

महिला ने अपनी बहन का बताया नाम पता

महिला को सखी वन स्टाप सेंटर में प्रवासित किया गया। जिसके बाद महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय व अंशु राय के द्वारा उस महिला की काउंसलिंग की गई। काफी मशक्कत के बाद महिला ने अपने दीदी के घर का पता बताया। महिला ने अपने दीदी के ससुराल का पता मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के सिलाईच गांव निवासी बताया। इस महिला के रिश्तेदार का सही पते की जानकारी होने के बाद प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार को इसकी जानकारी महिला कल्याण अधिकारी ने दी। जिसके बाद प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने उक्त महिला को उसके परिजनों से संपर्क कर सुपुर्द करने का निर्देश दिया।

ग्राम प्रधान से संपर्क किया गया

जिसके बाद महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय द्वारा सिलाईच गांव के ग्राम प्रधान से संपर्क किया गया और महिला के दीदी और जीजा के बारे में जानकारी ली गई। महिला के द्वारा दी गई जानकारी सही निकली। जिसके बाद महिला कल्याण अधिकारी जंगीपुर थाने की पुलिस की मदद से महिला को लेकर मोहम्मदाबाद के सिलाईच गांव के लिए निकल पड़ी। इसके साथ मोहम्मदाबाद थाने से भी पुलिस को अपने साथ सहयोग के लिए बुला लिया गया और उक्त महिला को उसकी दीदी और जीजा से घर पर पहुंच कर बात किया और एक दूसरे से परिचय कराया। एक दूसरे ने पहचान कर पुष्टि की। जिसके बाद महिला कल्याण अधिकारी व पुलिस की मौजूदगी में उस महिला को उसके दीदी और जीजा को सुपुर्द कर दिया गया।

 
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