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ओमप्रकाश राजभर बोले- मैं गलत तो विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में पूर्व मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर हमले और FIR का मामला तूल पकड़ रहा है। शुक्रवार को सपा और सुभासपा समर्थक प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए। सभी ने हमला करने वालों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। धरने में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी भी पहुंचे थे।

इस मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा- "मैं चुनौती देता हूं, मेरी बात गलत हो तो जांच करा लें। मैं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा। गांव में एसओ जांच के लिए गया था तो उससे भी वे लोग उलझ गए थे। उसके बाद दोबारा फोर्स लेकर पहुंचा था। अब किस पर विश्वास करें, रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। अब SP विश्वास न करें, एएसपी पर विश्वास न करें तो किस पर करें। अब 23 को जो होगा, लखनऊ में होगा।

कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए

वहीं, धरना प्रदर्शन में विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा राज में गुंडे- माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस भी बेलगाम हो गई है। सपा विधायक ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि चारों तरफ जंगलराज फैला है। भाजपा अपने विरोधियों पर लगातार हमले करा रही है। समाजवादी पार्टी अपने साथियों पर हो रहे हमले को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

पहदरिया गांव में राजभर पर हमले का आरोप

दरअसल, 10 मई को जहूराबाद विधानसभा के घोसलपुर पहदरिया गांव में एक मृतक परिवार के घर सांत्वना देने ओमप्रकाश राजभर गए थे। उनका आरोप है कि इसी दौरान 10-12 लोग लाठी-डंडे से लैस होकर पहुंच गए, गालियां देते हुए मारपीट करने लगे। सुरक्षाकर्मियों और वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला। आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी थी। इससे नाराज राजभर गांव के बाहर करीब 5 घंटे तक धरने पर बैठे थे। राजभर की तहरीर पर 16 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने कहा- राजभर पर हमला नहीं हुआ

वहीं, गाजीपुर पुलिस ने ओमप्रकाश राजभर पर हमले से इंकार किया। दूसरे पक्ष की तहरीर पर राजभर और उनके 17 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया था। एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया ने कहा कि राजभर करीमुद्दीनपुर क्षेत्र के पहदरिया में एक निजी कार्यक्रम में गए थे। इनकी और कार्यकर्ताओं की गाड़ियां खड़ी थीं। पास से गांव के दो लड़के बाइक से निकले तो कार से टकरा गए। इसी बात को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ विवाद शुरू हो गया। लड़के स्थानीय थे, इसलिए गांव के लोगों को बुला लिया। देखते ही देखते विवाद ने तूल पकड़ लिया। सिर्फ हंगामा हुआ, किसी को चोट नहीं आई है। विधायक राजभर पर हमला नहीं हुआ।

फेसबुक पर वीडियो वायरल किया था

ओमप्रकाश राजभर ने अपने फेसबुक पेज से वीडियो जारी कर खुद पर हमला किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि करीब 12 लोगों ने उनके काफिले को घेर लिया और उन पर हमला किया गया। सभी लाठी डंडों से लैस थे। गाली गलौज करते हुए मारपीट करने की कोशिश की।

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