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गाजीपुर में छात्रा से दुष्कर्म मामले में शिक्षक को आजीवन कारावास और 1.10 लाख का जुर्माना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाज़ीपुर सत्र व जिला न्यायालय की पॉक्सो कोर्ट प्रथम के विशेष जज विष्णुचन्द्र वैश्य की अदालत ने एक अभूतपूर्व फैसला सुनाया। नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के आरोपी एक टीचर को 1 लाख 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है, इसके साथ ही सबूतों के आधार पर अभियुक्त मंजूर अंसारी की मां हलीकुन निशा को भी दोषी पाया है और उस पर भी 5 हजार का अर्थदंड लगाते हुए 5 साल कैद की सज़ा सुनाई है।

फैसला आने के बाद पुलिस ने दोनों मुजरिम मां बेटे को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। पॉक्सो कोर्ट, प्रथम के विशेष लोक अभियोजक रविकांत पाण्डेय ने बताया कि 2016 का ये मामला गाज़ीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने का है, जिसमें आज न्यायाधीश ने नाबालिग पीड़िता को बहला फुसलाकर दुष्कर्म के मामले में मां और बेटे को सजा सुनाई। बेटा जो पेशे से शिक्षक था उसे आजीवन कारावास के साथ एक लाख 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है, वही उसकी मां को साक्ष्य सबूतों के आधार पर 5 वर्ष की सजा सुनाते हुए 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित करते हुए अर्थदंड की धनराशि में से 70 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है।

अभियोजन के अनुसार थाना करीमुद्दीनपुर के एक गांव की महिला ने थाना में इस आशय की तहरीर दिया कि उसकी नाबालिग लड़की 4 नवंबर 2016 को उसी के गांव का गैर मजहब का युवक उसकी लड़की को ट्यूशन व स्कूल में पढ़ाता था, जो उसको बहलाफुसला कर भगा ले गया है और गुरु शिष्य के रिश्ते को कलंकित कर दिया।

वादनी के सूचना पर संबंधित करीमुद्दीनपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने खोजकर पीड़िता को बरामद किया और उसका डॉक्टरी कराने के बाद न्यायालय में बयान कराया और विवेचना शुरू की। दौरान विवेचना पुलिस ने एक ही समुदाय के 4 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। दोनो तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने दो आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया, वही आरोपी शिक्षक और उसकी मां को कड़ी सजा सुनाई है। 

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