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मनरेगा के भुगतान में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी नहीं चलेगी, अब आधार से जुड़े खाते में ही होगा भुगतान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. मनरेगा में भुगतान को लेकर अब ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी नहीं चलेगी। एक श्रमिक को एक ही बार भुगतान हो सकेगा। इसके लिए आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) से भुगतान किया जाएगा। आधार से जुड़े खाते मेें ही भुगतान होने से एक श्रमिक का दो-दो खाता होने एवं दो-दो जगह काम करने को लेकर मनमानी रुकेगी। 

जिले में श्रमिकों के भुगतान को एबीपीएस में परिवर्तित करने पर जोर दिया जा रहा है लेकिन कुछ दिन पहले हुई समीक्षा में इसकी प्रगति अत्यंत धीमी मिली है। जिलाधिकारी ने इसपर नाराजगी जताते हुए प्रक्रिया तेज करने को कहा है। पांच ब्लाकों में स्थिति चिंताजनक मिलने पर वहां के खंड विकास अधिकारियों को चेतावनी दी गई है।

समीक्षा में धीमी मिली रफ्तार तो जिलाधिकारी ने जताई नाराजगी

मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों को अभी भी बैंक खाते में ही भुगतान किया जाता है। लेकिन उनका खाता आधार से जुड़ा न होने के कारण इसमें मनमानी भी नजर आती है। इस तरह के मामले भी आते हैं कि एक ही श्रमिक का एक से अधिक बैंक खाता होता है और दोनों जगह भुगतान हो जाता है। इसी तरह एक ही व्यक्ति का दो-दो जगह से जाब कार्ड बनने की शिकायतें भी आती हैं। अभी इसे पकड़ पाना आसान नहीं होता है लेकिन एबीपीएस के माध्यम से भुगतान होने पर इन अनियमितताओं पर लगाम लग सकेगी। किसी भी दशा में एक श्रमिक को एक ही खाते में भुगतान जाएगा। एक से अधिक जाब कार्ड पर भी रोक लग सकेगी।

एबीपीएस भुगतान में परिवर्तित करने पर जोर

माना जा रहा है कि सभी श्रमिकों के भुगतान का माध्यम एबीपीएस में परिवर्तित होने के बाद कुछ जाब कार्ड भी कम हो सकते हैं। एबीपीएस में परिवर्तन को लेकर जिलाधिकारी द्वारा की गई समीक्षा में बड़हलगंज, बेलघाट, कौड़ीराम, चरगांवा एवं सरदारनगर ब्लाकों की प्रगति काफी धीमी मिली है। यहां 30 प्रतिशत से भी कम परिवर्तन किया गया है। इस कार्य में लीड बैंक अधिकारी से भी सहयोग लेने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगली समीक्षा में प्रगति न मिलने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को एबीपीएस के जरिए भुगतान किया जाएगा। इससे और पारदर्शिता आएगी। इसके लिए उन्हें एबीपीएस में परिवर्तित करने को कहा गया है। समीक्षा में इसकी प्रगति काफी सुस्त मिली है, जिसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। - विजय किरन आनंद, गोरखपुर जिलाधिकारी।

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