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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से प्रतिदिन 30 लाख रुपये का घाटा, अब कारण तलाशेगा यूपीडा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे इस समय टोल वसूली करने वाली पाथ कंपनी के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। प्रतिदिन बामुश्किल 25 से 30 लाख रुपये ही टोल टैक्स आ रहा है, जबकि कंपनी को 61 लाख रुपये सरकार को देना है। वाहनों की घटती संख्या का कारण तलाशने की तैयारी शुरू कर दी गई है। टोल टैक्स वसूली शुरू हुए दो माह पूरे होने पर सात जुलाई के बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इसको लेकर मंथन करेगा।

जिले के हैदरिया से होकर लखनऊ तक जाने वाला पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक मई से टोलटैक्स की वसूली की जा रही है। हालांकि फास्टटैक से टैक्स वसूली सात मई को शुरू हुआ था। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सरकार को काफी उम्मीद थी कि इससे काफी राजस्व मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ टोलटैक्स वसूली से पहले इस पर करीब 12 हजार से अधिक वाहन सर्वे में दौड़ते मिले थे। इसी आधार पर यूपीडा ने टोल टैक्स का निर्धारण किया। 

पाथ कंपनी को प्रतिदिन करीब 61 लाख रुपये सरकार को देने हैं। जैसे ही वसूली शुरू हुई वाहनों की संख्या घटकर साढ़े चार हजार पर पहुंच गई। गर्मी के कारण यह संख्या और कम हो गई है। किसी तरह से प्रतिदिन 25 से 30 लाख तक का शुल्क कंपनी को मिल पा रहा है। 30 लाख का अंतर का भरपाई करना कंपनी और यूपीडा दोनों के लिए भारी पड़ रहा है। 

टोल कंपनी के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की कमी का कारण तलाशनों की कोशिश सात जुलाई के बाद शुरू होगी। दरअसल, टोल कंपनी को दो माह तक हर हाल में यूपीडा की ओर से तय की गई दर से भुगतान करना है। देखना यह होगा कि कंपनी और यूपीडा इस कमी को कैसे दूर करते हैं।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या काफी कम हो गई है। इस वजह से टोल वसूली काफी घट गई है। दो माह का समय पूरा होने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।-एमके अनिल, परियोजना प्रबंधक यूपीडा

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