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सपा के करीबी रहे IAS राम विलास यादव के घर को 5 घंटे तक विजिलेंस टीम ने गेट बंदकर खंगाला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उत्तराखंड में अपर सचिव आईएएस राम विलास यादव के गाजीपुर के पैतृक आवास पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की। टीम सुबह करीब 10 बजे आवास पर पहुंची और गेट बंद कर दोपहर 3 बजे तक 5 घंटे तक जांच-पड़ताल की। मामला आय से 500 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का है। राम विलास यादव सपा के करीबी माने जाते हैं।

गाजीपुर के शादियाबाद थाना क्षेत्र के परेवा गांव में राम विलास यादव का पैतृक घर है। यहां विजिलेंस की टीम जांच के लिए पहुंची। घर में रखे सभी दस्तावेज खंगाले। राम विलास यादव उत्तराखंड के ग्राम विकास विभाग में अपर सचिव हैं, इसके अलावा वह लखनऊ डेवलपमेंट अथॉर‍िटी (LDA) में सचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह मंडी परिषद में एडिशनल डायरेक्टर भी रह चुके हैं। यूपी में भाजपा की सरकार आने पर उन्होंने अपनी तैनाती उत्तराखंड में करा ली थी। उनके भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने पर योगी सरकार ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच के निर्देश दे दिए।

अधिकारियों का बातचीत से इन्कार, कुल 7 ठिकानों पर छापेमारी

आईएएस अधिकारी डा. राम विलास यादव के पैतृक आवास पर इनकम टैक्‍स व विजिलेंस टीम ने गहनता से छानबीन की। हालांकि अभी अधिकारियों ने इस मामले में बातचीत से इन्कार किया है। इसके अलावा पुरनिया स्थित दिलकश विहार रानी कोठी सीतापुर रोड लखनऊ, गुड़म्बा, कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय, उत्तराखंड के कई स्थानों समेत कुल 7 ठिकानों पर छापेमारी की गई। बता दें कि उनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर विजिलेंस उत्तराखंड ने 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया था।

वर्ष 2019 में यूपी से गए थे उत्तराखंड, कमेटी को करते रहे गुमराह

बता दें कि आईएएस रामविलास यादव 2019 में यूपी से उत्तराखंड गए थे। यहां शासन ने 9 जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस टीम ने आइएएस यादव को पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन वह उ‍पस्थित नहीं हुए। इसके बाद आईएएस का पक्ष जानने के लिए तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई गई, इसके बावजूद अधिकार गुमराह करते रहे।

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