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गाजीपुर में कब्र से 8 महीने बाद निकाली गई लाश, पत्नी और उसके भाईयों हत्या का आरोप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर सदर कोतवाली के डीलिया गांव में पुलिस और प्रशासन के टीम की मौजूदगी में एक कब्र को खोदकर 8 महीने पहले दफनाई गई लाश को निकाला गया। ऐसा कोर्ट के आदेश पर किया गया। मृतक शब्बीर अपने ससुराल में रहता था, जहां उसके फांसी लगाने से मौत होन का मामला सामने आया था। मृतक के भाई ने इसे आत्महत्या की जगह हत्या की आशंका जताई। इसके बाद बाद कोर्ट के आदेश पर मृतक के शव को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

प्रशासन की टीम ने कोर्ट ने आदेश पर सोमवार को आठ महीने पहले कब्र में दफनाएं शव के कंकाल को बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।बताया जा रहा है कि चंद्रावती गांव का रहने वाला शब्बीर अपनी पत्नी नूरजहां और सात बच्चों के साथ अपने ससुराल डीलिया गांव में रहता था। बीते 23 नवंबर को शब्बीर की घर में ही फांसी के फंदे से लटके होने के बाद, उसकी मौत का मामला सामने में आया था। तब शब्बीर के अंतिम संस्कार की सूचना भी पुलिस को नहीं दी गई थी।

पुलिस और परिवार को नहीं दी मौत की सूचनापरिजन ने बिना पुलिस को सूचित किए ही शव को दफना दिया था। मौत की सूचना दो दिन बाद शब्बीर के घर वालों को मिली। शब्बीर के भाई इस्लाम और शोभा को उसके मरने की खबर मिली तो वह डिलिया पहुंचे। साथ ही हत्या का आरोप लगाते हुए शव के पोस्टमॉर्टम कराए जाने की मांग रखी। लेकिन उनकी मांगों की अनदेखी कर दी, जिसके बाद उन्हें इस मामले में कोर्ट की शरण मे जाना पड़ा।

भाईयों ने की थी जांच की कोर्ट में अपीलशब्बीर के भाइयों ने नूरजहां (शब्बीर की पत्नी) और उसके भाइयों पर हत्या का आरोप लगाते हुए लीगल एक्शन लिए जाने की अपील कोर्ट में की है। शब्बीर के भाइयों की अपील पर, कोर्ट ने शब्बीर के शव को कब्र से बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश जारी किया था। कोर्ट के आदेश के क्रम में शब्बीर के शव को सदर तहसीलदार अभिषेक राय, सीओ सिटी गौरव सिंह, कोतवाल विमलेश मौर्या, ग्राम प्रधान अनिल बिंद आदि की मौजूदगी में कब्र से निकाला गया।

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