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गाजीपुर में बकरीद पर मांगी गई अमन की दुआ, एक दूसरे को गले लगाकर दी मुबारकबाद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में बकरीद का त्यौहार यानी कुर्बानी का त्यौहार शांति के साथ मनाया जा रहा है। यहां अलीपुर मदरा, भुडकुडा, रामपुर बलभद्र, शादियाबाद, बहरियाबाद, दुल्लहपुर आदि कस्बों में लोगों ने ईद उल अजहा की नमाज अदा की। इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगाया तथा अमन और शांति के लिए दुआएं मांगी गई। वही बच्चों मे त्योहार को लेकर खुशी खासा उत्साह है।

स्थानीय निवासी शमीम ने बताया कि यह कुर्बानी का त्योहार अल्लाह के एक दूत हजरत इब्राहिम की परीक्षा देने से शुरू होती है। एक वक्त इब्राहिम को ख्वाब में अल्लाह ने दिखाया कि आप की सबसे प्यारी चीज हमारे नाम में कुर्बान करना है। इब्राहिम को अल्लाह ने बहुत ही दुआ मांगने के बाद, मन्नतें मांगने के बाद एक लड़का दिया था। जिसका नाम इस्माइल रखा गया। हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की राह में बहुत ही अपनी अजीज चीजों की कुर्बानियां दी लेकिन उनकी कुर्बानी कबूल नहीं हुई। यह देख कर इब्राहिम ने इस्माइल की कुर्बानी देने की सोच ली।

बेटे की कुर्बानी देते समय सामने आ गया था जानवर

जिस समय वे कुर्बानी करने के लिए अपने बेटे इस्माइल को पहाड़ी पर लेकर जाते हैं। उसी समय इस्माइल की जगह एक जानवर आ जाता है और उसकी कुर्बानी हो जाती है। जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो देखा कि मेरा बेटा इस्माइल बगल में खड़ा है । इसी दौरान गैब से आवाज आई यानी आकाशवाणी हुई इब्राहिम तुम अपनी परीक्षा में पास हो गए। मैं तो तुम्हें देखना चाहता था कि तुम अल्लाह से कितनी मोहब्बत करते हो।बस तभी से यहीं से कुर्बानी की परंपरा चली आ रही है। कुर्बानी एक इबादत है।

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