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ईडी की कार्रवाई से मुख्तार अंसारी और अफजाल के खास लोगों पर खुफिया तंत्र की नजर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. सितारे गर्दिश में होते हैं तो परछाई भी साथ छोड़ देती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है वर्षों से जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी व उनके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी के साथ। कभी खुद को उनका करीबी दिखाने वाले आज सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भृकुटि टेढ़ी होने के बाद उनसे पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। हालांकि कभी भी कार्रवाई की जद में आने की आशंका से उनके हाथ-पांव फूले हुए हैं।

सपा-बसपा राज में अंसारी बंधुओं की तूती बोलती थी। तब जिले के कई जरायम पेशा ही नहीं, कई राजनेता और कारोबारी तक खास तौर पर मुख्तार के जिले में आने पर बाजे-गाजे के साथ अगवानी करते थे। उनके साथ खींची गई फोटो अपने प्रतिष्ठान व घरों में लगाकर रुतबा बढ़ाते थे। प्रापर्टी डीलिंग व अन्य कारोबार में मुनाफा शेयर करते रहे। सिपाह निवासी एक युवक खुद को मुख्तार का दाहिना हाथ कहता फिरता था। एक राजनेता तो उस दौर में मुख्तार के शूटरों को पनाह देते थे। खेतासराय, मड़ियाहूं समेत जिले के अन्य हिस्सों में मुख्तार के कई शागिर्द रहे हैं। जो अब उनसे भले ही कन्नी काट लिए हों, लेकिन इनकी गतिविधियों पर पुलिस व खुफिया तंत्र पैनी नजर रखे हुए है।

पिछली योगी सरकार में शहर कोतवाली पुलिस ने मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े जोगियापुर निवासी मछली माफिया रवींद्र निषाद उर्फ पप्पू व आंध्र प्रदेश के कुल्लूर निवासी वी. नारायण राव को गिरफ्तार किया था। छापेमारी में रवींद्र के घर से आंध्र प्रदेश से लाई गई एक ट्रक मछली बरामद हुई थी। ट्रक में 25 किलो प्रतिबंधित प्रजाति की मांगुर मछली के अलावा 80 क्विंटल रोहू व प्यासी मछलियां थीं।

तत्कालीन एसपी अशोक कुमार ने दावा किया था कि पूछताछ में दोनों आरोपितों ने मुख्तार से कारोबारी रिश्ते की बात कबूल की थी। रवींद्र ने यह भी स्वीकार किया था कि वह दूसरे व्यापारियों से मुख्तार के लिए रंगदारी भी वसूलता रहा। था। मछली के अवैध कारोबार में मुनाफे का मुख्तार अंसारी का हिस्सा हर महीने उस तक पहुंचाता था। मुख्तार का ही नाम भुनाकर रवींद्र निषाद खाद्य विभाग में बिना पंजीकरण कराए धंधा चला रहा था। रवींद्र के जोगियापुर स्थित दो मंजिला मकान व चंद कदम की दूरी पर कचहरी रोड स्थित निर्माणाधीन करोड़ों रुपये मूल्य के शॉपिंग मॉल को जब्त कर लिया था।

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