बनारस में गंगा ने पार कर लिया खतरा बिंदु, डूब रहे मोहल्ले और गलियों में चल रही नाव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मध्य रात्रि को गंगा ने आखिरकार वाराणसी में खतरा बिंदु को पार कर लिया है। खतरा बिंदु पार होने के साथ ही शहर में नदी के किनारे मौजूद मोहल्लों में पानी लगातार बढ़ने लगा है। तटवर्ती इलाकों में जहां पलायन शुरू हो गया है वहीं कई निचले मोहल्ले की गलियों में अब बाढ़ का पानी घुसने से गलियों में आवाजाही का एकमात्र साधन नाव ही शेष है।
घाटों से निकलकर गंगा की लहरें अब गलियों में हिचकोले खा रही हैं। चिताएं गलियों से निकलकर अब छतों पर जलने लगी हैं तो दूसरी ओर गंगा आरती भी अब छत पर ही होने लगी है। वहीं नदी में लगातार एनडीआरएफ की टीम और जल पुलिस गश्त कर रही है तो दूसरी ओर नदी के किनारे रहने वाले घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से शनिवार की सुबह छह बजे राजघाट से लिए गए आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर इस समय दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ रहा है। जबकि यहां चेतावनी का स्तर 70.262 मीटर है जो तीन दिन पूर्व ही गंगा पार कर चुकी हैं। वहीं खतरा बिंदु 71.262 मीटर पर है जिसे गंगा ने देर रात पार कर लिया है।
शनिवार की सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु के पार 71.46 मीटर पर रहा। जबकि दो सेंटीमीटर बढ़ाव का स्तर होने से सुबह आठ बजे 71.48 मीटर जा पहुंंचा है। खतरा बिंदु पार करने के बाद भी गंगा के तेवर में कमी नहीं है और पानी लगातार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ ही रहा है।
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य का लगातार जायजा लेने के साथ ही बाढ़ पर लगातार निगरानी भी रखी जा रही है। गंगा में नौका संचालन बंद है तो दूसरी ओर बाढ़ का स्तर मोहल्लों में जा पहुंचा तो लोगों ने छत पर शरण ले रखी है। घरों में फंसे लोगों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन अब तैयारी में जुट गया है। बाढ़ की वजह से वरुणा नदी में भी पलट प्रवाह का पानी आ चुका है।
तटवर्ती लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने लगे हैं। माना जा रहा है कि अब गंगा का जलस्तर लोगों को और भी दुश्वारी देगा क्योंकि बारिश के साथ ही बाढ़ का पानी बाहर से लगातार छोड़ा जा रहा है जो गंगा का जलस्तर बढ़ा रहा है। इस प्रकार से वाराणसी में गंगा ने पिछले पांच साल का बाढ़ का रिकार्ड तोड़ दिया है।