अतुल राय इकलौते सांसद जो 3 साल से जेल में, 3 मुकदमों में जमानत बाकी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मऊ जिले की घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय मंगलवार को दो वजह से सुर्खियों में रहे। पहली बात यह रही कि एक शख्स ने यूपी-112 पर कॉल कर कहा था कि वाराणसी की MP-MLA कोर्ट अतुल राय को एक-एक कर हर मुकदमे में बरी करती जा रही है। इसलिए MP-MLA कोर्ट में बम लगा दिया हूं।
इसे लेकर वाराणसी से लखनऊ तक हड़कंप मचा था। दूसरा मामला यह था कि वर्ष 2017 में वाराणसी के लंका थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में अतुल राय की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी।
अतुल राय बीते एक महीने में रेप, सिपाही पर जानलेवा हमला और गैंगस्टर एक्ट के तीन मुकदमों से बरी हुए। इसके बावजूद जेल की सलाखों के पीछे से बाहर आने की उनकी राह आसान नहीं दिखाई दे रही है।
अतुल राय उत्तर प्रदेश के इकलौते ऐसे सांसद है जो वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से अब तक यानी 3 साल 3 माह से जेल में बंद हैं। महीनेभर में 3 केस में वह बरी हुए, लेकिन अभी 3 केस बचे हैं जो रिहाई का रास्ता रोक रहे हैं। अतुल राय के अधिवक्ता ने बताया कि सांसद को तीन मुकदमों में जमानत मिलेगी तभी वह बाहर आ पाएंगे।
आइए, आपको बताते हैं कि सांसद अतुल राय की कहानी और वह तीन मुकदमे जिनमें उन्हें जमानत चाहिए...
बात पहले सांसद अतुल के शुरुआती जीवन की
गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय के पिता भरत सिंह वाराणसी में BLW में कार्यरत थे। इस वजह से अतुल की प्रारंभिक शिक्षा यहीं से हुई। इसके बाद अतुल ने मैदागिन स्थित हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज से 2004 में BSc. किया। BSc. की पढ़ाई के दौरान ही अतुल को अपराध जगत का ग्लैमर रास आने लगा।
फिर, उनका झुकाव मऊ सदर के तत्कालीन विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की ओर बढ़ता चला गया। वाराणसी में अतुल के खिलाफ पहला मुकदमा रंगदारी मांगने और धमकाने सहित अन्य आरोपों में वर्ष 2009 में मंडुवाडीह थाने में दर्ज हुआ।
तब से लेकर साल 2021 तक सिर्फ वाराणसी के ही अलग-अलग थानों में हत्या, हत्या का प्रयास, रेप और गैंगस्टर एक्ट के तहत 15 से ज्यादा मुकदमे अतुल के खिलाफ दर्ज हुए हैं। लखनऊ, गाजीपुर और मऊ जिले में दर्ज केस इसमें शामिल नहीं हैं।
बात अब सांसद अतुल के सियासी सफर की
2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अतुल राय ने बसपा का दामन थामा था। फिर, वह गाजीपुर की जमानिया विधानसभा से बसपा के उम्मीदवार बने। चुनाव परिणाम आया तो अतुल दूसरे स्थान पर थे, लेकिन बसपा में वह अपनी मजबूत जगह बना चुके थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा से मुख्तार अंसारी अपने बेटे अब्बास को बसपा का प्रत्याशी बनाना चाहते थे। लेकिन, अतुल राय ने शह और मात के सियासी खेल में अपने आका मुख्तार को चित करते हुए 14 अप्रैल 2019 को घोसी लोकसभा से बसपा का टिकट हासिल कर लिया। परिणाम आया तो अतुल सांसद निर्वाचित हुए।
इसी बीच अतुल के खिलाफ 1 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में रेप सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हो चुका था। नतीजतन, 22 जून 2019 को वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर जेल जाना पड़ा। हालांकि अतुल अब इस मुकदमे से बरी हो चुके हैं।
23 मुकदमों में से 9 में बरी हो चुके हैं
एडवोकेट अनुज यादव ने बताया कि उनके मुवक्किल अतुल राय पर टोटल 23 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 9 में से वह बरी हो चुके हैं। अन्य का ट्रायल चल रहा है। जेल से बाहर आने के लिए अतुल राय को लंका थाने के दो मुकदमों और हजरतगंज थाने के एक मुकदमे में जमानत चाहिए। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम लगातार प्रयासरत हैं कि सांसद की जमानत अर्जी मंजूर हो और वह सलाखों के पीछे से बाहर आएं।