वाराणसी में गोवंश आश्रय केंद्र में लापरवाही और पशुओं की मौत के मामले में ग्राम विकास अधिकारी निलंबित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. गो-आश्रय केंद्र, रुपचंदपुर में सात पशुओं की मौत ने पूरी प्रशासनिक मशीनरी को झकझोर कर रखा दिया। शनिवार का अवकाश छोड़ अधिकारी भागते हुए सुबह कार्यालय पहुंचे तो वहीं मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने तत्काल मुख्य चिकित्साधिकारी आरके सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी (चौबेपुर) डा. ओपी वर्मा, सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) रवि प्रकाश सिंह की अगुवाई में तीन स्तरीय जांच टीम गठित कर मौके पर पड़ताल का निर्देश दिया।
इसके बाद शाम को जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर सचिव (ग्राम विकास अधिकारी) राजेश यादव को निलंबित करने की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेजा तो वहीं पशुचिकित्साधिकारी, बीडीओ तथा ग्राम प्रधान को चेतावनी पत्र जारी किया। इसके साथ ही सभी गोवंश आश्रय केंद्रों की जांच का निर्देश दिया। चेतावनी दी कि अब ऐसी शिकायत मिली तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। व्यवस्था देख पूरी टीम आहत दिखी। न साफ-सफाई की व्यवस्था मिली, न ही जिम्मेदार ही नजर आए।
टीम के पहुंचते ही एक पशु ने तोड़ा दम
गोवंश आश्रय केंद्र पर टीम के पहुंचते ही एक एक पशु ने दम तोड़ दिया। पशु चिकित्साधिकारी ने बातया कि इसका इलाज चल रहा था।
चार मरे पशुओं को कराया दफन, शेष के अवशेष हटवाए
टीम ने तीन पशुओं के साथ शुक्रवार को मरे एक पशु यानी चार को गड्ढा खोदकर दफन करवाया। चार मरे हुए पशुओं के अवशेष (कंकाल) को हटवाया।
फोन के बाद नहीं पहुंचे सचिव
जांच टीम के अधिकारियों की ओर से फोन के बाद भी सचिव राजेश यादव नहीं आए। ग्राम प्रधान भी मौके पर भी नहीं दिखे। हालांकि, केयर टेकर आज सुबह से ही डटे रहे और अपना कार्य करते नजर आए।
दो माह से नहीं मिला खरी-चुनी
गोवंश आश्रय केंद्र के केयर टेकर अशोक यादव व प्रमोद कुमार ने बताया कि पिछले दो माह से खरी चुनी आना बंद है। पशुओं को सिर्फ सूखा भूसा ही हम सब खिला रहे हैं।
चार वर्ष पुराने गोआश्रय केंद्र में एक भी नहीं लगी पौध
गोआश्रय केंद्र चार वर्ष पहले शुरू हुआ लेकिन परिसर में एक भी पौध नहीं लगाया गया। सिवान में बने इस केंद्र पर पशु पूरी गर्मी झुलसते रहतेे हैं। टीन शेड है पर बाउंड्री मुकम्मल नहीं है।
