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पुलिस पर जानलेवा हमले के मामले में सांसद अतुल राय समेत 16 आरोपित साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बसपा सांसद अतुल राय को अदालत से बड़ी राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने कैंट थाने के पुलिस पर जानलेवा हमले के मामले में बसपा सांसद समेत 16 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

अदालत ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों का विरोधाभासी बयान संपूर्ण अभियोजन कथानक को संदेहपूर्ण बनाता है। पुलिस की संपूर्ण कार्यवाही पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूर्णतया विफल रहा है। ऐसी दशा में आरोपितों को संदेह के लाभ के आधार पर दोषमुक्त किया जाना न्यायसंगत है। अदालत ने जांच रिर्पोट पर भी टिप्पणी की अभियोजन के अनुसार तत्कालीन कैंट थाना प्रभारी सुनील वर्मा ने 27 अगस्त 2011 को बदमाशों के आने की सूचना पर टीम के साथ सोयेपुर में घेरेबंदी की। बाइक व जीप में सवार बदमाश पुलिस को देखकर जान से मारने की नियत से गोली चलाते हुए भागने लगे।

सात बदमाशों को हासिमपुर चौराहे के पास से पकड़ लिया गया। उनके पास से असलहा व कारतूस बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में पकड़े गए बदमाशों की पहचान सतीश उर्फ बच्चा यादव, शिशु उर्फ शिवा कुमार, श्याम प्रकाश सोनी, दीपक सिंह, विकास सिंह, रजनीश सिंह, रणधीर कुमार सिंह के रूप में की। पूछताछ में बताया कि अभिषेक उर्फ हनी, श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित, अतुल राय, सुजीत सिंह बेलवा, अजय उर्फ विजय से मिलकर एक सराफा व्यवसायी से लूट की योजना बनाई थी और उसे ही अंजाम देने जा रहे थे।

पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपित धर्मेंद्र उर्फ कल्लू की मौत हो गई। जबकि अजय उर्फ विजय सिंह, श्रीप्रकाश उर्फ झुन्ना पंडित व दीपक सिंह की पत्रावली दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। बचाव पक्ष की ओर से वकील अनुज यादव ने अदालत में बातें रखीं।

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