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रिटायर्ड सिपाहियों ने सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ दी गवाही

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुहम्मदाबाद कोतवाली में 21 साल पहले दर्ज केस में नामजद सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सोमवार को एमपी,एमएलए सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। सांसद को हंगामे और बवाल का आरोपी मानने के बाद चार्ज बनाकर केस में गवाहों ने गवाही दी। सांसद समेत आरोपी और तलब सरकारी कर्मचारी रहे गवाह तारीख पर पेश हुए। पुकार पर पहुंचे गवाहों में रिटायर्ड सिपाही पारसनाथ यादव और घरभरन ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। गवाहों से जिरह के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी ने जिरह की तारीख 7 नवंबर मुकर्रर की और सभी को तलब किया।

सीजेएम कोर्ट में चल रहे केस के अनुसार 9 अगस्त 2001 को सपा के प्रदेश बंद कार्यक्रम के दौरान सपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। सांसद अफजाल समेत विक्रमा यादव, गोपाल राय, शम्भू सिंह, लुटूर राय व जियाउद्दीन खां के खिलाफ आरोप तय हो चुका है। केस में आरोप है कि सपा से तत्कालीन विधायक और वर्तमान गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने चार हजार लोगों के साथ मंडी समिति से जुलूस के साथ तहसील पहुंचे। मोहम्मदाबाद एसडीएम के कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की। 

तत्कालीन सीओ समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें रोकने प्रयास किया। आरोप है कि प्रदर्शनकारी एसडीएम कार्यालय में घुस गए और हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की। मोहम्मदाबाद थाने में अफजाल अंसारी सहित कुल नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी और समर्थकों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की अदालत सांसद अफजाल अंसारी पर केस की सुनवाई कर रही है और अभियोजन की तरफ से गवाह रिटायर्ड सिपाही पारसनाथ यादव और घरभरन ने बताया कि सांसद के साथ विधि विरुद्ध उमड़ी भीड़ ने उग्रता दिखाई और तहसील परिसर में घुसकर बवाल काटा। 

गवाह ने भी पुलिस चार्जशीट में दर्ज कराए गए बयान को दोहराया। दोनों गवाहों की गवाही के चलते न्यायालय की कार्रवाई शाम तक चलती रही। इसके बाद बचाव पक्ष के वकील विजय शंकर राय और विजय शंकरपांडे ने जिरह की शुरूआत की, जिसके लिए जज ने दोनों को अगली तारीख पर जिरह के लिए तलब होने का आदेश दिया। 31 अक्तूबर की तारीख देते हुए सभी को कोर्ट में तलब किया है।

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