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वाराणसी से नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की परिकल्पना को साकार किया जाएगा : रेलमंत्री

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. गाजीपुर स्थित ताड़ीघाट - गाजीपुर सिटी के मध्य प्रस्तावित हावड़ा - नई दिल्ली रेल सह रोड ब्रिज जल्द ही मूर्तरूप लेगा। यहां, कार्यदायी संस्था 65 से ज्यादा काम कर चुकी है। यह जानकारी रेल व संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। वह अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन शनिवार को सुबह 8.50 बजे काशी स्टेशन पर विकास कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी परियोजना में शामिल इस ब्रिज की टाइम लाइन पर उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की जनता को जल्द ही यह सौगात मिलेगी। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद - मुम्बई रूट पर बुलेट ट्रेन का कार्य गति पर है, अध्ययन चल रहा है। इसी तर्ज पर वाराणसी - नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। नए फीचर में लौटी वन्दे भारत एक्सप्रेस में स्लीपर कोच का भी प्रावधान किया जा रहा है। जो लम्बी दूरी के यात्रियों को राहत देगा।

निजीकरण पर सरकार की मंशा स्पष्ट

समय - समय पर उठते रेलवे में निजीकरण के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा स्पष्ट है। रेल के निजीकरण की सम्भावना नहीं बची। सेवा क्षेत्र में विभिन्न श्रोत के जरिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। बताया कि पहले भी निजीकरण जैसे मुद्दे पर इनकार किया जा चुका है। कोरोनाकाल से बंद वरिष्ठ नागरिकों के रियायत पर कहा कि इस दिशा में विचार चल रहा है।

पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को स्थलीय मुआयना

काशी स्टेशन से पूर्व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सिगनेचर ब्रिज और आईएमएस (इंटर मॉडल स्टेशन) का स्थलीय मुआयना किया। नमो घाट पहुंचे रेलमंत्री ने ब्रिज का व्यू देखा। पड़ाव स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के स्मारक स्थल से भी अवरोध उत्पन्न करने वाले तथ्यों पर अधिकारियो से चर्चा की। इसके उपरांत उन्होंने काशी स्टेशन पर प्रस्तावित आईएमएस का लेआउट देखा। यहां अंग्रेजों के जमाने में बने ब्रिज टॉवर को भी देखा।

कर्मचारियों का बढ़ाया मनोबल

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने काशी स्टेशन पर निरीक्षण के बाद कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया। स्टेशन निदेशक कक्ष में उन्होंने रेल अफसर और कर्मचारियों से मुलाकात भी की। साथ फोटो भी खिचवाया। इस मौके पर शहर उत्तरी विधायक रविंद्र जायसवाल, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्र, डीआरएम सुरेश कुमार सपरा, डीआरएम रामश्रय पांडेय इत्यादि अधिकारी मौजूद रहे।

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