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गाजीपुर में मोबाइल के लिए गंगा पुल से नदी में कूदा, गेम के लिए कुर्बान करने चला था जिंदगी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सोमवार की सुबह लगभग 10 बजे एक किशोर ने घरवालों द्वारा गेम के लिए मोबाइल नहीं दिए जाने पर जिंदगी कुर्बान करने निकल पड़ा। सैदपुर पहुंचकर किशोर ने नगर स्थित गंगा पुल से नदी में छलांग लगा दिया। जिसे पास मौजूद युवा नाविकों द्वारा तत्परता दिखाते हुए बचा लिया गया। इसके बाद परिजनों को घटना की सूचना देकर, पुलिस ने उसे समझा-बुझाकर परिजनों के हवाले कर दिया।

गौरतलब है कि सोमवार की सुबह जौनपुर जनपद के रेहारी पतरही गांव निवासी 15 वर्षीय किशोर शिवांग चौबे पुत्र संजय चौबे सैदपुर नगर स्थित गंगा पुल पर पहुंचा। इसके कुछ देर बाद पीठ पर स्कूल बैग टांगे शिवांग नदी में कूद गया। यह देख पुल से गुजर रहे लोग चिल्लाने लगे। आवाज सुनकर नदी किनारे मौजूद युवा नाविकों ने सही समय पर पहुंचकर किशोर को नदी में डूबने से बचा लिया। किनारे लाने के बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई।

मामूली बात पर आत्महत्या की बात सुनकर लोगों के उड़ गए होश

मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद किशोर से पूछताछ और उसके बैग की जांच कर, पुलिस ने घटना की सूचना उसके परिजनों को दिया। इसके बाद युवक को सैदपुर कोतवाली लाया गया। जहां पहुंचे किशोर के परिजनों और किशोर से अलग-अलग पूछताछ की गई। जिसे सुनकर पुलिस के होश उड़ गए।

मां द्वारा मोबाइल नहीं देने और डांटने की बात पर चुना था आत्महत्या का रास्ता

पूछताछ में पता चला कि किशोर कक्षा 9 का छात्र है। बीते कुछ दिनों से वह मोबाइल में फ्री फायर गेम का लती हो गया था। जिससे पढ़ाई लिखाई में उसकी रुचि घटती जा रही थी। जिसपर बीते कुछ दिनों से शिवांग की माँ नैनतारा, पिता संजय चौबे, बड़े पिता अजय चौबे सहित बड़ा भाई भी शिवांग को डांट और समझा रहे थे। शिवांग के पास मल्टीमीडिया मोबाइल नहीं थी। वह मां की मोबाइल लेकर, गेम खेला करता था। कुछ दिनों से मां ने उसके हाथ में अपना मोबाइल देना कम कर दिया था।

ऊंचाई के कारण पानी की चोट से सरक गई किशोर की बांह

सोमवार की सुबह शिवांग मां से मोबाइल की जिद कर रहा था। जिसपर मां ने पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने की सलाह देते हुए, मोबाइल नहीं दिया और डांट लगा दी। जिससे नाराज होकर उसने आत्महत्या की ठान ली। सुबह 8 बजे वह स्कूल के लिए घर से निकला, लेकिन वह स्कूल न जाकर सैदपुर गंगा पुल पर पहुंच गया। फिर 200 फीट से ज्यादा की ऊंचाई से उसने नदी में छलांग लगा दी। जिससे उसके बाएं वांह की हड्डी जोड़ से सरक गई।

थानाध्यक्ष ने कहा कि जान बचाने वाले साहसिक नाविकों को करेंगे पुरस्कृत

संयोग अच्छा रहा कि नदी में डूब रहे शिवांग पर वार्ड संख्या 15 निवासी मुरली निषाद उर्फ गिल्ली, विकास निषाद उर्फ चहेंटू और आकाश निषाद की नजर पड़ गई। जो तत्काल नाव लेकर पहुंच गए और किशोर की जान बच गई। थानाध्यक्ष शिव प्रताप वर्मा ने कहा कि किशोर की जान बचाने वाले साहसी युवा नाविकों को पुरस्कृत किया जाएगा। जिनकी तत्परता से आज बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई।

बड़े पिता ने कहा कि बच्चे मोबाइल का सदुपयोग करें दुरुपयोग नहीं

शिवांग ने बताया कि वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता था। जिसमें कुल 99 स्टेज होते हैं। वह 59 स्टेज तक पहुंच चुका था। कुछ दिनों से घर के सभी लोग पढ़ाई पढ़ाई के लिए डांट रहे थे। मोबाइल मांगने पर मां मोबाइल नहीं दे रही थी। हर तरफ से डांट सुनते-सुनते मैं परेशान हो गया था। इसीलिए आज आत्महत्या करने आया था। युवक के बड़े पिता अजय चौबे ने बताया कि ऐसा नहीं है कि बच्चों को मोबाइल नहीं दिया जाता। लेकिन मोबाइल पढ़ने लिखने के लिए दी जाती है, गेम खेलने के लिए नहीं। बच्चों से यही अपील करूंगा की मोबाइल का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं।

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