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गाजीपुर में फौजी का शव एंबुलेंस से लाने पर भड़के ग्रामीणों ने हाईवे को घंटों तक रखा जाम, पुलिस के छूटे पसीने

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जम्मू कश्मीर में तैनात सैदपुर क्षेत्र के सादात थाना अंतर्गत इकरा कुड़वां गांव निवासी सेना के जवान राजेंद्र यादव का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह एंबुलेंस से बाबतपुर एयरपोर्ट से सैदपुर लाय गया। जिससे नाराज सैकड़ो ग्रामीण युवाओं ने एंबुलेंस को रजवाड़ी पुल पर रोक कर वाराणसी गोरखपुर फोरलेन हाईवे को जाम कर दिया।

ग्रामीण इसे जवान का अपमान बताते हुए, सेना के ट्रक की मांग करने लगे। सेना के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा लगभग 3 घंटे तक परिजनों व ग्रामीणों को समाझे के बाद जाम समाप्त हुआ।

गौरतलब है कि सैदपुर क्षेत्र के सादात अंतर्गत इकरा गांव निवासी राजेंद्र यादव (35) पुत्र राम सकल यादव जम्मू कश्मीर में सेना के हवलदार के पद पर कार्यरत था। 2 दिन पहले ड्यूटी के दौरान राजेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हो गई। जिसका पार्थिव शरीर आज बाबतपुर एयरपोर्ट से प्राइवेट एंबुलेंस से गांव लाया जा रहा था। जिसके इंतजार में सैकड़ो ग्रामीण युवक देशभक्ति गाना बजाते हुए, डीजे लेकर पार्थिव शरीर का इंतजार, वाराणसी गोरखपुर फोरलेन हाईवे पर रजवाड़ी पुल के पास कर रहे थे। जैसे ही पार्थिव शरीर प्राइवेट एंबुलेंस से वहां पहुंची, ग्रामीण आग बबूला हो गए।

6 थानों की पुलिस, सीओ और एसडीएम ने 2 घंटे तक ग्रामीणों को समझाया

आक्रोशित ग्रामीणों ने इसे मृत जवान का अपमान बताते हुए, हाईवे जाम कर दिया। मौके की नजाकत देखते हुए आनन-फानन फाइनेंस में वहां पुलिस क्षेत्राधिकार डीके साही के साथ सैदपुर, सादात, चौबेपुर, रामपुरमाझा, नंदगंज, खानपुर 6 थानों की पुलिस फोर्स बुला ली गई। काफी समझाने से जब बात नहीं बनी, तो कुछ देर बाद मौके पर सैदपुर तहसीलदार अभिषेक सिंह और एसडीएम डा पुष्पेंद्र पटेल पहुंचे।

जिन्होंने 2 घंटे तक मृत जवान के बड़े भाई राज यादव सहित ग्रामीणों को समझाया। आम पब्लिक की तकलीफों को देखते हुए, सब निजी खुले पिकअप को सजाकर उससे जवान का पार्थिव शरीर ले जाने पर सहमत हुए।

प्रदर्शनकारियों ने रखा एंबुलेंस व विद्यार्थियों का ध्यान

इसके बाद सेना के मृत जवान राजेंद्र यादव का पार्थिव शरीर ताबूत सहित पिकअप पर रखवाया गया। तब जाकर डीजे की धुन पर भारत माता की जय का नारा लगाते हुए, ग्रामीण जवानों का हूजूम राजेंद्र यादव अमर रहें बोलते अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ा। इस दौरान जाम के बावजूद, ग्रामीण एंबुलेंस और परीक्षा देने जा रहे विद्यार्थियों को सहर्ष आने जाने देते रहे। माइक से बार-बार अपील की जाती रही कि कोई कानून अपने हाथ में नहीं लेगा। किसी को खरोच तक नहीं आनी चाहिए।

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