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गाजीपुर जिले में आज 106 स्थानों पर मेला, Ghazipur City में रात 8 बजे जलेगा 60 फीट का रावण

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. असत्य पर सत्य की विजय का पर्व पूरे जिले में मंगलवार को उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। मौके पर शहर के साथ ही विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में 106 स्थानों पर मेला लगेगा।

इसमें सबसे बड़ा मेला गाजीपुर शहर (Ghazipur City News) के लंका मैदान में लगेगा। यहां 60 फीट का रावण जलाया जाएगा। कई स्थानों पर चल रही रामलीला में रावण वध के साथ ही विजयदशमी की खुशी मनाई जाएगी। इस पर्व की तैयारी के मद्देनजर आयोजन स्थलों पर साफ-सफाई के साथ ही अन्य व्यवस्था पर्व की पूर्व संध्या तक पूरा कर ली गई।

विजयदशमी के दिन असत्य और बुराई के प्रतीक रावण का वध होता है। भगवान राम उसके पुतले का दहन करते हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर के लंका मैदान सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मेले का आयोजन किया जा रहा है। लंका मैदान में शहर सहित विभिन्न ग्रामीणों क्षेत्रों के लोगों की आज शाम को भीड़ उमड़ेगी। इस लम्बे-चौड़े मैदान की स्थिति यह होगी कि जिधर भी नजर जाएगी, उधर मेला देखने पहुंचने वालों की भीड़ दिखाई देगी।

परिवार के लोगों का शाम को चार बजे से घरों से निकलने का क्रम शुरु हो जाएगा। शाम को पांच-छह बजे तक आलम यह हो जाएगा कि मैदान लोगों से भर जाएगा। रामलीला कमेटी की ओर से निर्धारित समय पर भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता रथ पर सवार होकर रावण के विशालकाय पुतला के पास पहुंचेंगे। इसके बाद राम-रावण युद्ध होगा। भगवान श्रीराम द्वारा रावण को मार गिराए जाने के बाद भगवान राम रावण के पुतला को आग के हवाले करेंगे। इसके बाद लोग अपने घरों को प्रस्थान करेंगे। आयोजन स्थलों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।

गाजीपुर-वाराणसी मार्ग पर लंका मैदान के पास भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित

गाजीपुर में विजय दशमी पर्व पर घर से निकलने के पहले यातायात व्यवस्था के बारे में जानकारी अवश्य कर लें। अन्यथा रास्ते में आपको दुश्वारियों से दो-चार होना पड़ सकता है। वजह विजय दशमी पर्व पर शहर में उमड़ने वाली भीड़ के बीच यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रमुख मार्गों पर रूट डायवर्जन किया गया है। शाम को पांच बजे के बाद हो सकता है कि आपको कई मार्गों पर जाम का मुंह देखना पड़े। वजह मेले की वजह से गाजीपुर-वाराणसी मार्ग पर लंका मैदान के पास भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। दशहरा का मेला और दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके मद्देनजर कई मार्गों पर वड़े वाहनों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। जगह-जगह पुलिस की तैनाती रहेगी ताकि कोई वाहन चालक नियम का उल्लंघन न कर सके।

रजागंज के पास होगा प्रतिमाओं का विसर्जन

गाजीपुर में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष नगर के स्टीमर घाट पर प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगा। बीते वर्षों में शहर के स्टीमर घाट में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा है, लेकिन इस वर्ष भी शहर से सटे रजागंज के पास प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य कराया जाएगा। विसर्जन के लिए गड्ढा खुदवाकर उसमें पानी भरवा दिया गया है।

किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना को देखते हुए गड्ढा के चारों तरफ बैरिकेडिंग कराई गई है। वहीं, जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने मूर्ति विसर्जन के लिए रजागंज में बनाए गए कृत्रिम तालाब का निरीक्षण कर की गई तैयारियों का जायजा लिया गया। साथ ही संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

7 बजे तक ही मां दुर्गा प्रतिमाओं का होगा लंका मैदान में प्रवेश

गाजीपुर अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वावधान में परंपरागत रामलीला मंचन के कार्यक्रम के क्रम में मंगलवार को लंका मैदान में राम रावण युद्ध के उपरांत रावण वध मंचन के बाद रात आट बजे ऐतिहासिक रावण दहन होगा। वहीं, विशेष रूप से दुर्गा प्रतिमाओं का भसान से पूर्व लंका मैदान में आगमन और प्रभु श्रीराम द्वारा आरती की परंपरागत पूजन कार्यक्रम शाम 7 बजे तक ही होगा। उसके बाद लीला प्रारंभ हो जाएगी, ऐसी स्थिति में किसी भी दुर्गा प्रतिमाओं को लंका मैदान में आने की अनुमति नहीं होगी, कमेटी के मंत्री ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि शाम 7 बजे तक ही गेट नंबर 4 से ही दुर्गा प्रतिमाओं का प्रवेश होगा और पारंपरिक रूप से पूजन व आरती के बाद परिक्रमा कर उसी गेट से वापसी हो जाएगी।

पाठ करेगा रावण का पुतला, नाभी में भरा होगा बारूद

रावण के पुतले की नाभी में बारूद भरा होगा, जिसे हीटर के ऊपर रखा जाएगा। इस हीटर को रिमोट से लिंक किया जाएगा, जिसके दबाते ही हीटर गर्म और बारूद से आग लग जाएगी। इससे रावण के पुतले का दहन होगा लेकिन इसके पहले रावण के पुतला से अट्टहास की आवाज सुनाई देगी और फिर आवाज आएगी कि दोनों तपस्वियों ने सोच लिया है, सोने की लंका जो वीरों की खान थी वो खाली हो चुकी है। ऐसा कदापि नहीं, क्योंकि त्रिलोक विजेता लंका पति रावण अभी जिंदा है। हाहाहाहा....। इस आवाज के लिए कमेटी ने पुतले में स्पीकर लगवाया है और उसे मंच पर लगे मुख्य कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।

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