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गाजीपुर में धर्मसभा की आड़ में धर्मांतरण का चल रहा था खेल, पुलिस ने 4 को पकड़कर जब्त की प्रचार सामग्री

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के जखनियां तहसील क्षेत्र के भुड़कुड़ा कोतवाली अंर्तगत कवला-जखनियां-चौजा गांव में मंगलवार को पुलिस ने 3 धर्म गुरुओं (पास्टर) सहित कुल 4 को गिरफ्तार किया है। इन सब लोगों को बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। सभी को पुलिस ने एक रेड के दौरान गिरफ्तार किया। मौके से भारी मात्रा में ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तकों को भी बरामद किया गया है। पूछताछ के दौरान सभा में मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें सभा में बुलाकर धर्म का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही पूजा-पाठ की जानकारी दी जा रही थी।

बताया जा रहा है कि चौजा गांव में धर्म परिवर्तन खेल लम्बे समय से चल रहा था। चोरी छिपे गांव के रहने वाले राजेश राम के घर पर आये दिन धर्मसभा होती थी। हालांकि गांव के लोगों को इस बारे में जानकारी पहले से ही थी। लेकिन धर्म प्रचारकों ने उन्हें इतनी बरगला दिया था कि वह इस बात को किसी और को नहीं बताते थे। मंगलवार की अलसुबह एक ऐसी ही धर्मान्तरण सभा गांव में आयोजित थी।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने सभा स्थल पर रेड डाला। इस दौरान क्षत्रिय महासभा के लोग भी मौजूद रहे। मौके पर पहुंचे एसडीएम जखनियां समेत सीओ और कोतवाल ने धर्मान्तरण सभा को संचालित करने वाले तीन पास्टरों को दबोच लिया। मौके से भारी मात्रा में ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तकों को बरामद किया। क्षत्रिय महासभा की धर्मपरिवर्तन से जुड़ी शिकायत को आधार बना ही पुलिस ने यह रेड डाली थी।

तारावती यादव-भुड़कुड़ा कोतवाल ने बताया कि धर्मांतरण की सूचना पर छापेमारी की गई। मौके से कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सभा स्थल से ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तकों को बड़ी तादात में बरामद किया गया है। पूछताछ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की तय की जाएगी।

पिछले 6 महीने में यह पांचवीं, छठी घटना है जब शिकायत मिलने पर पुलिस ने छापेमारी कर लोगों के धर्मांतरण किए जाने के मामले का खुलासा किया है। सभी मामलों में प्रार्थना स्थल से ईसाई धर्म से जुड़ी धर्म प्रचार सामग्री बड़ी मात्रा में जब्त की गई है। जानकारों की माने तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ इन्हीं जगहों पर धर्म सभा होती रही है। जिनका खुलासा पिछले दिनों किया गया है।

उन जगहों में से यह कुछ एक जगह ही है, जिनका खुलासा अब तक हो पाया है। स्थानीय लोगों के मिली भगत के कारण पुलिस आदि को धर्मांतरण की सही सूचना नहीं मिल पाती है।

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