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ग़ाज़ीपुर बाजार में आया ये नया आलू खाया तो चली जाएगी जान! तेजाब-अमोनिया जैसे खतरनाक केमिकल का हो रहा प्रयोग

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुनाफाखोर व्यापारी अपने थोड़े से लाभ के लिए लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यहां तक की सब्जियों में भी केमिकल का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इस समय बाजार में नए आलू के नाम पर बेची जा रहे आलू की खेप को तेजाब और अमोनिया से धोया जा रहा है। यह पुराना आलू ही है, लेकिन तेजाब और अमोनिया के साथ मिट्टी और बालू डालकर उसे नए आलू का रूप देकर व्यापारी बेच रहे हैं। डॉक्टर और कृषि वैज्ञानिकों की माने तो ऐसे आलू का सेवन सेहत के साथ जान के लिए खतरा हो सकता है।


आम ग्राहक आसानी से इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं। वह नए आलू को बाजार खरीद कर ला रहे हैं, यह पुराना आलू ही है। इसे केमिकल आदि की मदद से नया आलू जैसा लुक दिया जा रहा है। इस आलू को सब्जी व्यापारी और कृषि वैज्ञानिक ही सहूलियत से पहचान पाएंगे। इन आलू को खाना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इसके साथ ही साथ यह सामान्य दर से कहीं ज्यादा रेट पर बेची जा रहे हैं।
नया आलू आने का अभी सवाल ही नहीं
उपनिदेशक कृषि अतेंद्र सिंह की माने तो इस समय हर राज्य में बारिश या बारिश के प्रभाव जैसा मौसम बना हुआ है। ऐसे नया आलू आने का सवाल ही नहीं होता। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में नया आलू सामान्य से कुछ वक्त पहले निकलता है, लेकिन वह इतनी मात्रा में नहीं होता कि पूरे बाजार की जरूरत के अनुसार सप्लाई किया जा सके। बिना सीजन के कोई भी सब्जी या फल खाना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। वहीं आलू का सीजन आने में भी कुछ वक्त और बाकी है।
तेजाब का हो रहा इस्तेमाल
मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि पुराने आलू को नया बनाने में तेजाब और अमोनिया का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या खड़ा कर सकता है। इन हानिकारक केमिकल से लीवर और किडनी सहित शरीर के कई अन्य अंगों पर नकारात्मक असर हो सकता है। ऐसे खाने पीने की चीजों से दूर रहना ही हितकर है।
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