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कौन हैं अविनाश पाण्डेय? लोकसभा चुनाव से पहले जिन्हें कांग्रेस ने बनाया उत्तर प्रदेश का प्रभारी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने कई राज्यों में संगठनात्मक बदलाव किए हैं। प्रियंका गांधी से उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है और उनकी जगह अविनाश पाण्डेय को उत्तर प्रदेश राज्य का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस में हुए इस बड़े बदलाव को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है और राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि पार्टी का फोकस लोकसभा सीटों के समीकरण साधने में है।

ऐसे में लंबे समय से कांग्रेस में हाशिए पर रहे अनिवाश् पाण्डेय को उत्तर प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिलने का फैसला चौंकाने वाला है। कहा जा रहा है कि लंबे समय से कांग्रेस में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात चल रही थी। इसी कारण अनिवाश पाण्डेय को आगे किया गया है। अविनाश पांडे के उत्तर प्रदेश प्रभारी बनने के बाद इस बात के कयास भी लगाए जाने लगे हैं कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी अविनाश पाण्डेय को राहुल कैंप का माना जाता है।

कौन हैं अविनाश पाण्डेय?

अनिवाश पाण्डेय कांग्रेस के मूल कैडर से जुड़े हैं और उनकी गिनती पार्टी के पुराने और अनुभवी नेताओं में होती है। राहुल गांधी का कैंप के होने के नाते वे राहुल के करीबी नेता भी माने जाते हैं और जिस समय मधुसूदन मिस्त्री को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था तो अविनाश सह प्रभारी की भूमिका में थे। मौजूदा समय में वे कांग्रेस वर्किंग कमेट के सदस्य हैं और युवा कांग्रेस के महासचिव भी रहे हैं। 2008 में उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा प्रत्याशी के तौर पर उतारा गया था, लेकिन वे राहुल बजाज से हार गए थे। हालांकि, 2010 में वे निर्विरोध राज्यसभा गए थे। 2022 में अनिवाश झारखंड प्रभारी रहे हैं।

अनिवाश पाण्डेय को राहुल गांधी का करीबी होने के साथ ही प्रियंका गांधी के पसंदीदा नेता के तौर पर भी जाना जाता है। पाण्डेय को यूपी की जिम्मेदारी देने के फैसले के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि कांग्रेस पार्टी इसके जरिए प्रियंका के लिए पिच तैयार कर रही है। दअरसल, प्रियंका गांधी को 2019 में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। उत्तर प्रदेश में वह 2022 तक सक्रिय रहीं। हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश से दूरी बना ली। अब जब अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है तो इस बात के कयास भी लगने लगे हैं कि उनके प्रभारी रहते प्रियंका रायबरेली और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं।

प्रियंका गांधी के प्रभारी बनने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। ऐसे में अब अविनाश पांडे के जरिए दोबारा यूपी के राजनीतिक समीकरण साधने की तैयारी है। अजय राज को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद पार्टी ने सूबे में यह दूसरा बड़ा बदलाव किया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। राजनीति गलियारों की चर्चा के मुताबिक, अविनाश पाण्डेय की तैनाती ब्राह्मण चेहरे को आगे करने के साथ ही साथ इंडिया गठबंधन में अखिलेश को सहज रखने के लिए भी की गई है। वहीं अविनाश उत्तर प्रदेश में पहले भी काम कर चुके हैं, ऐसे में वह यहां की राजनीति से भी वाकिफ हैं।

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