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पंकज उधास पर बनारस में दर्ज हुआ था केस, फैंस की मांग पर रात भर गाये थे गजल

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सुप्रसिद्ध गजल के मास्टर पंकज उधास का आज निधन हो गया। 72 साल की उम्र में उन्होंने आज आखिरी सांस ली, पद्मश्री से सम्मानित पंकज उधास का बनारस से काफी नाता रहा है। कुछ 11 साल पहले की बात है, पंकज उधास बनारस में स्टेज शो कर रहे थे। रात 10 बजे तक शो खत्म होना था, लेकिन उनके फैंस ने उन्हें वहां से जाने नहीं ही दिया। पंकज उधास पूरी रात लोगों को गजलें सुनाते रहे। मामला कुछ ऐसा हुआ कि अगले दिन उनके खिलाफ वाराणसी कोर्ट में एक केस भी दायर कर दिया गया। उन पर आरोप लगा कि रात 10 बजे के बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की अनदेखी करते हुए रात भर गीत सुनाया। उनके ऊपर ध्वनि प्रदूषण का आरोप लगाया गया।
ध्वनि प्रदूषण रोकथाम पर काम करने वाले सत्या फाउंडेशन के प्रमुख चेतन उपाध्याय ने संवाददाता को बताया कि, "मामला, 6 जून 2012 की रात का है। पंकज उधास जी को बनारस क्लब में ओपन एरिया में शानदार गजलें सुना रहें थे। बनारस का हर बड़ा अधिकारी और मंत्री पहुंचे था, लोग इतने मंत्रमुग्ध हो गए कि रात को 10 बजे तक कार्यक्रम समाप्त करना था। लेकिन, फैंस के दबाव के चलते रात भर गजलों का कार्यक्रम चलता रहा। हम पुलिस पर दबाव डाला गया कि रात को लाउडस्पीकर की आवाज काफी दूर तक जा रही है, ये कानून का उल्लंघन है। लेकिन, पंकज की आवाज की जादू में दर्शक ऐसे बंधे कि उन्हें स्टेज से उतरने का मौका ही नहीं दिया।
इस मामले को लेकर एडवोकेट आरके सिंह ने वाराणसी कोर्ट में केस कर दिया। 11 नवंबर, 2012 को कोर्ट में केस दर्ज हो गया। इसकी पहली सुनवाई 1 मार्च, 2013 को हुई। एडवोकेट ने कहा था कि रात सोने के लिए होती है। गाने के लिए नहीं। माना संगीत एक थेरेपी की तरह से काम करती है, मगर रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र पर जबरदस्ती अमृत वर्षा करके देश के कानून को चुनाैती देना गलत है।
पंकज 8 महीने पहले आए थे बनारस
पंकज उधास 8 महीने पहले ही काशी आए थे। यहां पर उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन कर दशाश्वमेध घाट पर होने‌ वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती देखी। परिवार के साथ मां गंगा की वैदिक रीति आरती भी उतारी। इसके अलावा, बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण के बाद भी वे बनारस आए थे। उन्होंने सिगरा स्थित इंटरनेशनल रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में आयोजित शाम-ए-बनारस कार्यक्रम में गजलों की प्रस्तुतियां दी थी। पायो जी मैंने राम रतन धन पायो... से लेकर चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल गाकर लोगों को झूमा दिया था। ये कार्यक्रम करीब 3 घंटे तक चला था।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में साल 2023 में गलज पेश करते पंकज उधास (फाइल फोटो)
पंकज उधास ने बनारस पर अपनी भावनाएं भी बताईं थीं। कहा था कि मोक्ष की नगरी, जहां श्रीकाशी विश्वनाथ धाम हो तो वहां रहने वाले लोग धन्य हैं। जो बाबा के करीब होते हैं वे बड़े खुशनशीब होते हैं। भगवान श्रीराम कभी भी स्त्री और पुरुष में भेद नहीं करते थे और समाज में व्याप्त ऊंच-नीच का भेद भी नहीं करते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कल्याण में लगाया। हमारी कामना है कि देश आगे बढ़े और समृद्धि करने के लिए सभी समान रूप से ईमानदारी के साथ समाजहित में काम करें। हर व्यक्ति की सफलता अपनी क्षमताओं पर निर्भर करती है।
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