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मुन्नाभाई के लिए आ गया नया कानून, अब सर्किट भी नहीं बचा पाएगा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. प्रतियोगी परीक्षाओं और भर्ती में किसी भी गड़बड़ी पर अब बड़ा एक्शन होगा। सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 सोमवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इससे पहले बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है। नकल पर नए कानून में किन बातों का जिक्र है इसको इन पॉइंट के जरिए समझ सकते हैं।
➤यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।
➤विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिश करेगी।
➤प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
पिछले 5 साल में राज्यों में पेपर लीक के कितने मामले
राज्य पेपर लीक के मामले (भर्ती परीक्षा)
हरियाणा 2
राजस्थान 7
गुजरात 3
महाराष्ट्र 2
कर्नाटक 2
उत्तराखंड 4
यूपी 1
मध्य प्रदेश 5
तेलंगाना 5
असम 1
बिहार 3
झारखंड 1
ओडिशा 1
➤परीक्षाओं में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम 3 साल की सजा मिलेगी। इसे बढ़ाकर पांच साल किया जा सकता है और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
➤छात्रों के साथ फर्जी वेबसाइट या फर्जी केंद्रों के जरिए परीक्षा कराने और नौकरी देने आदि का फर्जीवाड़ा भी इसके दायरे में आएगा।
➤यदि पेपर लीक और नकल में परीक्षा कराने वाली एजेंसी शामिल पाई जाती है तो परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। इसके साथ ही संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
➤इनमें यूपीएससी, SSC, रेलवे, बैंकिंग, जेईई, नीट जैसी सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं शामिल होंगी।
➤विधेयक के अनुसार पेपर लीक से जुड़ी जांच पुलिस उपायुक्त या सहायक पुलिस आयुक्त के स्तर पर होगी।
➤सरकार के पास जांच किसी भी समय केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का पूरा अधिकार होगा।
➤परीक्षाओं को लिए आईटी सिस्टम को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
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