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भतीजे की शादी में दिल्ली से आया था इंजीनियर और नशे में धुत युवकों ने दी मौत, आर्केस्ट्रा के डांस में हुआ था बवाल

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, भदोही/जौनपुर. भदोही जिले के जलालपुर से एक बारात बीते 11 मार्च को जौनपुर के नेवढ़िया थानाक्षेत्र में सैदूपुर गांव पहुंचती है। जहां, आर्केस्ट्रा पार्टी के डांस को लेकर घराती-बाराती आपस में भिड़ गए। बवाल इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में मारपीट हो जाती है। इसमें दूल्हे का चाचा अनिल सरोज भी शामिल थे जिसकी हत्या कर दी गई।
नशे में धुत कुछ घराती युवक आर्क्रेस्ट्रा में डांस के लिए मना करने वाले दूल्हे के चाचा अनिल से इतने खफा हो गए कि उस पर जानलेवा हमला कर दिया। यह सारी घटना अनिल के 13 साल के बेटे शुभम के सामने होती है, वह पापा को बचाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा लेकिन युवकों ने एक भी नहीं सुनी और पेट, कंधे पर चाकू मारकर गंभीर घायल कर दिया।

इसके बाद परिजन अनिल को लेकर ईलाज के लिए निजी अस्पताल भागे और भर्ती कराया गया, लेकिन अगले ही दिन यानि 12 मार्च को अनिल की मौत हो गई। पूरा घटनाक्रम नेवढ़ियां थानाक्षेत्र के सैदूपुर गांव का है।

11 मार्च को भदोही जलालपुर निवासी लोलारक सरोज के बेटे सागर सरोज की शादी थी। इसी शादी में शामिल होने के लिए लोलारक का चचेरा भाई अनिल सरोज, जो दिल्ली में इंजीनियर था आया था। बारात भी तय समय पर जौनपुर नेवढ़िया के सैदुपुर निवासी छैलबिहारी सरोज के घर पहुंची। भव्य रथ से दूल्हे की बारात द्वारपूजा के लिए निकली। साथ में DJ की धुन पर नाचते-गाते बाराती भी चल दिए। दुल्हन के घर बारात पहुंची तो माला पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया।
विधि-विधान से द्वारपूजा का कार्यक्रम संपन्न हुआ और डीडे, बैंजबाजे पर लोग डांस करते रहे। तभी नाश्ते का कार्यक्रम शुरू हो गया और बारातियों ने मजे में नाश्ता किया। लोलारक सरोज गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, इसलिए उन्होंने रात में बारात का मनोरंजन करने के लिए आर्केस्ट्रा पार्टी भी बुलाई थी। द्वारचार के बाद सभी बाराती जनवास पहुंचे।

घराती पक्ष को पता था कि बारात में आर्केस्ट्रा है और डांस भी होगा तो युवाओं की कई टोलियां वहां पहुंच गई थी। मृतक अनिल सरोज के परिजनों ने बताया कि कई युवक शराब के नशे में धुत थे और आर्केस्ट्रा शुरू होते ही वहां हंगामा होने लगा। पहले तो वे अपनी डिमांड पर गाने बजवाते रहे, फिर स्टेज पर चढ़कर भी डांस करने लगे।

इसी को लेकर दूल्हे के चाचा अनिल सरोज और घरातियों के बीच विवाद हो गया। अनिल बार-बार स्टेज पर चढ़ने से रोकने की कोशिश करते है और घराती पक्ष के लोग बदतमीजी करते हुए वहीं काम दोहराते। बाद में आर्केस्ट्रा संचालक ने भी कह दिया कि ऐसा होगा तो वह कार्यक्रम नहीं करेगा।

यह विवाद इतना बढ़ गया कि घराती-बाराती आपस में ही भिड़ गए और मारपीट होने लगी। फिर लोगों ने बीचबचाव किया और मामला शांत हो गया। आर्केस्ट्रा भी शुरू हो गया और लोग डांस करने लगे। कुछ देर के बाद अनिल अपने 13 साल के बेटे के साथ बारात के जनवास से दुल्हन के घर की तरफ जाने लगे। तभी रास्ते में नाराज घराती जो नशे में धुत थे, घेर लिया।

अनिल सरोज से नाराज घरातियों ने कहा कि तुम ज्यादा हीरो बनते हो और फिर करीब 10 युवाओं ने अनिल को मारना शुरू कर दिया। अनिल का बेटा शुभम रोता रहा और गिड़गिड़ाता रहा कि पापा को छोड़ दे लेकिन वे नहीं माने और चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। परिजनों ने बताया कि अनिल को पेट और जांघ में चाकू मार दिया गया और बुरी तरह से पीटा भी गया। घायल अनिल को लेकर रात में ही परिजन अस्पताल भागे और ईलाज के लिए भर्ती कराया।

जब पिता पर चाकू से हमला हुआ तो बेटा शुभम डर कर बारात की तरफ भागा और लोगों को इसकी जानकारी दी। बाराती भागकर पहुंचे तो देखा कि अनिल खून से सने पड़े हैं लेकिन सांसें चल रही थीं। अनिल को एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां रात भर इलाज के बाद अगले दिन अनिल की मौत हो गई।

मौत होते ही गुस्साएं परिजनों ने औराई-जौनपुर मार्ग को जाम कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह पुलिस के जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं सीओ अजय कुमार चौहान ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को शांत कराया। साथ ही परिजनों को कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

परिजनों ने बताया कि जब आर्केस्ट्रा चल रहा था तो अनिल भोजन करने चले गए और लौटकर आए तो विवाद बढ़ा। वे भोजन के बाद घर लौटना चाहते थे क्योंकि अगले ही दिन उन्हें दिल्ली वापस जाना था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

मृतक अनिल सरोज दिल्ली में इंजीनियर थे और अपने दो बेटों के साथ वे अपने चचेरे भाई लोलारक के बेटे की शादी अटेंड करने के लिए आए थे। 12 मार्च को ही उनका दिल्ली वापस जाने का टिकट था। पूरा परिवार बहुत खुश था लेकिन आर्केस्ट्रा के विवाद ने अनिल की जिंदगी खत्म कर दी।

अनिल के दोनों बेटे जो शादी में शामिल होने के लिए आए थे, वे पिता की लाश को कंधा देने के बाद समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जिस गांव में वे खुशियां तलाशने आए थे। वहां से पिता को खोकर कहां जाएंगे। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अनिल के बेटे ने कहा कि उसे हत्यारों के पास ले जाया जाए, जिसने हत्या की है वे सभी को पहचान लेगा।
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