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अफजाल अंसारी ने ये क्या कह दिया...बृजेश सिंह को बचाने के लिए मुख्तार अंसारी को जहर देकर मारा गया

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार के मौत की साजिश बृजेश सिंह ने रची थी। उसरी चट्टी कांड में मेरे भाई मुख्य गवाह थे। उन्हें रास्ते से हटाने के लिए जेल में जहर देकर मरवाया गया। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा।
''अगर इस घटना को भी झूठा कहा जा रहा है जो मुख्तार पर आक्रमण हुआ था, तो ये इतना बड़ा झूठ है जैसे आकाश को धरती कहा जाय और धरती को आकाश कहा जाय। लेकिन ये कर रही है सरकार। कौन है जो अंधा जिसे दिखाई नहीं दे रहा है कि वो माफिया डान बृजेश सिंह जो देश के सबसे बड़े शत्रु दाउद इब्राहिम का को-अक्यूज्ड है। उसको कितना संरक्षण और कितना वीआईपी ट्रीटमेंट देकर घुमाया जा रहा है? गवाहों को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उसे लगा कि अगर बीच में मुख्तार का काम तमाम कर दिया जाय। बाकी इंजर्ड विटनेस जो हैं वो भी घबराएंगे, और मुख्तार खुद एक बड़ा साक्ष्य था वो साक्ष्य मिट जाएगा। जिस साक्षी को संरक्षण मिलना चाहिए था। उसकी हत्या कराई गई षडयंत्र के तहत। न्याय व्यवस्था अभी जीवित है, हमारे लीगल टीम के लोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय में हाईकोर्ट में, हर स्तर पर कोशिश करेंगे न्याय प्राप्त करने के लिए और जो पापी हैं उनको सजा दिलाने के लिए''।

मुख्तार अंसारी द्वारा लिखाई गई FIR के अनुसार 15 जुलाई 2001 को वो अपने साथियों के साथ गाजीपुर के अपने घर मोहम्मदाबाद से निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। उसी दौरान दोपहर लगभग 1 बजे के आस-पास उसरी चट्टी पर पहले से घात लगाए बदमाशों ने अत्याधुनिक असलहों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी।

गाजीपुर के क्राइम रिपोर्ट मनीष सिंह ने बताया कि मुख्तार अंसारी का घर मोहम्मदाबाद में था और उनका विधानसभा क्षेत्र मऊ था। उस दिन वो उसरी चट्टी के रास्ते; जो कि मऊ निकलता था उससे होकर मऊ जा रहे थे। रेलवे डबल फाटक के पहले उनकी तीन गाड़ियों के काफिले को एक ट्रक ने ओवरटेक किया और उन्होंने उसे रास्ता भी दिया लेकिन ट्रक के आगे निकलते ही उस संकरी सड़क पर ट्रक के डाले में बैठे तीन शूटरों ने अत्याधुनिक हथियारों उनके काफिले की गाड़ी पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। करीब 10 मिनट तक गोलियों की आवाज आती रही और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची हुई थी।

इस कांड में बाल-बाल बचे मुख्तार अंसारी ने त्रिभुवन और ब्रजेश पर मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके बाद ब्रजेश अंडरग्राउंड हो गया। पुलिस अधिकारियों की मानें तो मोहम्मदाबाद सर्किल में हुए इस हत्याकांड में ब्रजेश का नाम आया तो वह अंडरग्रॉउंड हो गया। उसके अंडरग्राउंड होने से इस मामले में ट्रायल रुका रहा। कुछ दिनों बाद जब पुलिस ने उसे उड़ीसा से पकड़ा तो फिर इसका ट्रायल शुरू हो गया। फिलहाल माफिया त्रिभुवन सिंह मिर्जापुर जेल में बंद है तो ब्रजेश सिंह कई सालों तक जेल में रहने के बाद अब बाहर हैं। इसी केस में मुख्तार की गवाही होनी थी। जिसे लेकर अफजाल साजिश का आरोप लगाते हैं।
अफजाल ने कहा कि मुख़्तार को जहर देकर मार गया है और इसके साक्ष्य हमारे पास मौजूद हैं। ऐसे में सरकार हमारी FIR दर्ज करे।

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी लगातार एग्रेसिव बयान दे रहे हैं। लोग उन्हें नपा-तुला और संयम वाले बयान देने के लिए जानते हैं। लेकिन मुख्तार के जनाजे को सुपुर्द ए खाक किए जाने के दौरा डीएम से हुई गरमा-गर्म बहस और फिर लगातार उसरी चट्टी कांड के आरोपियों में से एक बृजेश सिंह को लगातार टारगेट करने से संकेत साफ है कि मुख्तार अंसारी की जिन लोगों से अदावत थी वो आगे भी जारी रहेगी।
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