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गाजीपुर पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गैंग का किया खुलासा, 3 गिरफ्तार

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 99 हजार 200 रूपए बरामद किए गए। इनके पास से 500, 200 और 100 के नोट पुलिस ने जब्त किए।
आरोपियों के पास से नोट बनाने के प्रिंटर, पेपर भी बरामद किए गए हैं। ये लोग नोट बनाकर लोकल बाजारों और दुकानों पर इसे खपाने का काम करते थे। पुलिस ने जानकारी दिया है कि लंबे समय से इन आरोपियों की तलाश 13 जिलों की पुलिस कर रही थी।

स्वाट/सर्विलांस व थानाध्यक्ष खानपुर की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा नकली नोट बनाने व नोटों को बाजार में सप्लाई करने का काम करते थे। अन्तर्राज्यीय गिरोह के सदस्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड ) के 3 बदमाश विजय भारती, विशेन यादव और अमित यादव को बिहारीगंज डगरा करमपुर मोड़ व शिवदास पोखरा मोड़ से गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से कुल 290 नकली नोट । नकली नोट पकड़े। इनसे 15 पीस पेपर, नोटों की फीडिंग का 34 पीस पेपर, नकली नोट बनाने की प्रिंटर मशीन,अलग-अलग नाम पते से बने 4 आधार कार्ड, 2 मोटर साइकिल भी पुलिस ने बरामद किया है।

एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार विजय भारती के ऊपर अलग-अलग राज्यों में लगभग 30 मुकदमा पंजीकृत है। वह पूर्व में कई बार जेल जा चुका है। पिछले लगभग 4 वर्षों से फरार चल रहा है। जिससे बचने के लिए वह अलग-अलग नाम पता का आधार कार्ड इस्तेमाल कर अपनी पहचान छुपाकर लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है।

पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार विजय भारती ने बताया कि आजमगढ़ के मेहनाजपुर में एक स्कूल है। उसी स्कूल के एक कमरे में मेरे द्वारा प्रिन्टर मशीन के माध्यम से नकली नोट तैयार किया जाता है। जिसको तैयार करने के पश्चात विशेन यादव व अमित यादव उर्फ मोनू के माध्यम से अगल–बगल के जिलों तथा राज्यों (बिहार, झारखण्ड, राजस्थान व दिल्ली आदि) में सप्लाई का काम करते है। अपने साथियों के लिए आर्थिक एवं भौतिक लाभ प्राप्त करता हूं। बताया कि इसी से हम लोग अपने परिवार का भरण-पोषण व शौक पूरे करते हैं। अब तक हम लोगों द्वारा लगभग करोडों रुपए के नकली नोट बाजार में खपाया जा चुका है।

वहीं अभियुक्त विजय भारती ने बताया कि पहले भी मेरे विरुद्ध विभिन्न राज्यों व जिलों में इस तरह के कई मुकदमा लिखा जा चुका हैं। जिसमें पहले भी जेल जा चुका हूं। जिस कारण लगातार पुलिस मेरी तलाश में रहती है। जिससे बचने के लिए अलग-अलग नामों के पहचान पत्र (आधार कार्ड) का प्रयोग करता हूं।

एसपी ने बताया कि विजय भारती का आजमगढ़ से खास कनेक्शन था। वो मेंहनाजपुुर इलाके में रहकर नकली नोट बनाने का काम करता था। चुनाव तैयारियों के दौरान जब रिकॉर्ड खंगाले जा रहे थे। पुलिस को उस समय जानकारी हुई की विजय भारती के खिलाफ 13 जिलों में अलग अलग मामलों में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इसकी कुंडली खंगाला और गिरफ्तार कर लिया।

एसपी ने बताया की 30 साल पहले विजय भारती एक एनजीओ बनाया था। उसने एलआईसी के साथ सांठगांठ कर काम को आगे ले जाने की योजना बनाई लेकिन एलआईसी की बड़ी रकम हड़पने के बाद फरार हो गया। इसके बाद भी वो कई वारदातों में शामिल रहा। साल 2016 में वो एक मामले में जेल भी गया। करीब 3.5 साल जेल में रहने के बाद बाहर निकला और तभी से फरार था।

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