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नौशीन ने बिना कोचिंग के UPSC में हासिल की 9वीं रैंक, कहा- लक्ष्य बनाकर करें पढ़ाई, घंटे न गिनें

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए पढ़ाई के घंटे गिनने की जरूरत नहीं होती। लक्ष्य के मुताबिक पढ़ाई करने की जरूरत होती है। लक्ष्य से ही पढ़ाई के घंटे तय होते हैं। सिविल सेवा परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल करने वाली गोरखपुर की नौशीन ने स्वयं ऐसा ही किया।
अपनी उपलब्धि की कहानी मीडिया से साझा करने के दौरान उन्होंने यही सलाह उन अभ्यर्थियों को दी, जो इस परीक्षा के जरिये अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटे हैं। नौशीन ने बताया कि उन्हें यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है। पहले दो प्रयास में वह साक्षात्कार तक नहीं पहुंच सकीं।

तीसरे प्रयास में जब प्रारंभिक परीक्षा में फेल हुईं तो निराशा की स्थिति बनी, लेकिन तब वह हार न मानते हुए एक बार फिर पूरे उत्साह के साथ लक्ष्य साधने में जुट गईं और चौथे प्रयास में अब टापरों की सूची में शामिल हो गईं।

मूल रूप से कुशीनगर के पिपरा कनक गांव के मठिया टोला की रहने वाली नौशीन की शिक्षा गोरखपुर के रैंपस स्कूल से हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजी टीबी खालसा कालेज से स्नातक करने के बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।

नौशीन ने बताया कि उन्हें इस बात की काफी खुशी है कि उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के खुद की बनाई अध्ययन रणनीति से हासिल की है। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे भावी अभ्यर्थियों को भी यही टिप्स दिया कि खुद की रणनीति बनाकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें, क्योंकि हर किसी की अपनी क्षमता और शैली होती है।

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा की तैयारी के तरीके के सवाल पर नौशीन ने बताया कि इसके लिए उन्होंने अध्ययन को कभी विश्राम नहीं दिया और इसे लेकर खुद की बनाई रणनीति पर भरोसा किया।

साक्षात्कार से जुड़े अनुभव साझा करते हुए नौशीन ने बताया कि उनसे ज्यादातर प्रश्न उनके ऐच्छिक विषय इतिहास से पूछे गए। इतिहास में बदलाव को अवसर मिले तो क्या बदलना चाहेंगी? इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने इतिहास के पन्नों से युद्ध और औपनिवेशिक व्यवस्था हटाने की इच्छा जताई।

आकाशवाणी के सहायक निदेशक (अभियांत्रिक) अब्दुल कयूम की बेटी नौशीन अपनी सफलता का श्रेय मां जेबा खातून, बहन नगमा और भाई अकरम को देती हैं। नौशीन ने बताया कि उन्हें सफलता मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन नौवीं रैंक हासिल होने को लेकर वह व परिवार उत्साहित हैं।
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