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नदी किनारे मिले 34 बड़े अंडे...जब उनमें से निकले बच्चे तो देखकर निकल गई अफसरों की चीख- करना पड़ा यह काम

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, महराजगंज. सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के निचलौल रेंज की गंडक नदी घड़ियालों के प्रजनन व जीवन चक्र के लिए अनुकूल साबित हो रही है। यहां नदी व उसके किनारे पर रहने वाले घड़ियाल प्रजनन कर निरंतर अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं।
शनिवार को वन विभाग की टीम ने गंडक बीट में संरक्षित घड़ियाल के अंडों से निकले बच्चों को नदी में छोड़ दिया। ये अंडे 45 दिन पूर्व नदी किनारे बनाए घोंसले में मादा घड़ियाल ने दिए थे। अंडों से बच्चे बाहर निकलने शुरू हुए तो वनकर्मियों ने अधिकारियों को सूचना दी।
निचलौल रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सुनील राव ने बताया कि गंडक बीट में वनकर्मियों द्वारा घड़ियाल के 34 अंडों को मादा घड़ियाल द्वारा बनाए गए घोंसले में 45 दिन पहले देखा गया था। 34 में एक अंडा खराब हो गया, जबकि 33 अंडों से शनिवार सुबह घड़ियाल के बच्चे बाहर निकले। इन्हें साधु घाट स्थित गंडक नदी में छोड़ा गया।
विभाग इसके पूर्व लखनऊ के कुकरैल से इनको मंगा कर नदी में छोड़ता था। अब इनके प्रजनन व अंडे देने से इनकी संख्या में वृद्धि होती रहेगी। यह विभाग के लिए शुभ संकेत है। इस दौरान वनकर्मी अब्दुल हाकिम, मोबिन डब्ल्यूटीआइ (वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया) के पदाधिकारी अरशद हुसैन व रविन्द्र त्रिपाठी मौजूद रहे।
कुकरैल से लाकर नदी में छोड़े गए हैं 262 घड़ियाल
इस क्षेत्र को घड़ियाल ब्रीडिंग जोन के रूप में विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए घड़ियाल के बच्चे लखनऊ के कुकरैल वन्य जीव प्रभाग के ब्रीडिंग क्षेत्र से लाकर गंडक नदी में डाले जाते थे। वर्ष 2017 से अभी तक गंडक नदी में 262 घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं। पहली बार वर्ष 2017 में यहां पर कुकरेल ब्रीडिंग सेंटर लखनऊ से 45 घड़ियालों को नदी में छोड़ा गया था। उसके बाद 2022 में 22, 2023 में 120 और 2024 में 75 घड़ियाल छोड़े गए थे।
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