पाकिस्तान से तनाव के बीच इमरजेंसी लैंडिंग के लिए गाजीपुर की अंधऊ हवाई पट्टी तैयार
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही देश और प्रदेश की हवाई पट्टियों को भी अलर्ट मोड पर रखा है। गाजीपुर की अंधऊ हवाई पट्टी हर तरह के छोटे प्लेन और हेलिकॉप्टर उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह हवाई पट्टी आपात स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अंधऊ हवाई पट्टी का इतिहास
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश प्रशासन द्वारा निर्मित अंधऊ हवाई पट्टी गाजीपुर-मऊ रोड पर 63 एकड़ में फैली है। इसका 4,800 फीट (1,463 मीटर) लंबा डामर रनवे छोटे प्लेन और हेलिकॉप्टरों के लिए उपयुक्त है। हालांकि, इस पर कभी लड़ाकू विमान नहीं उतरे।
हाल की गतिविधियां
2024 में प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हेलिकॉप्टर इस हवाई पट्टी पर उतरे थे।
2016 में सपा शासनकाल में पंचायती राजमंत्री स्व. कैलाश यादव का पार्थिव शरीर प्लेन से लाया गया था। उसी दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का प्लेन और पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी का हेलिकॉप्टर भी लैंड हुआ था।
हवाई पट्टी की क्षमता
अंधऊ हवाई पट्टी का रनवे 1.95 मीटर है, जो केवल छोटे प्लेन और हेलिकॉप्टरों के लिए उपयुक्त है। बड़े प्लेन उतारने के लिए रनवे की लंबाई अपर्याप्त है। यह पट्टी दो छोटे प्लेन और कई हेलिकॉप्टरों को एक साथ संभाल सकती है। आपात स्थिति के लिए यह पूरी तरह तैयार है, हालांकि अभी कोई विशेष दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है।
वर्तमान संदर्भ
पाकिस्तान और पीओके में भारत की हालिया एयर स्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद हवाई पट्टियों को सक्रिय करने पर जोर दिया जा रहा है। अंधऊ हवाई पट्टी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर गाजीपुर जैसे सीमावर्ती क्षेत्र में।