मऊ से मुंबई जा रही लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के AC कोच में कूलिंग बंद, कैंट स्टेशन पर हंगामा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भीषण गर्मी में मऊ से मुंबई जा रही लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 11080) के यात्रियों को रविवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रेन के बी-2 एसी कोच में एसी पूरी तरह से बंद था और वेंटिलेशन की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। गर्मी से बेहाल यात्रियों ने जब शिकायतों के बावजूद कोई समाधान नहीं पाया तो उन्होंने मजबूर होकर वाराणसी कैंट स्टेशन पर ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींच दी,जिससे ट्रेन रुक गई और स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई।
जौनपुर से ही बंद था एसी, फिर भी चली ट्रेन
यात्रियों के अनुसार जब वे सुबह 8:35 बजे जौनपुर स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए, उसी समय से एसी बंद था। लोगों को लगा कि यह अस्थायी समस्या है और जल्द ही ठीक हो जाएगी, लेकिन हालत और बिगड़ती चली गई। बाहर तेज धूप और कोच के अंदर भट्टी जैसे हालात हो गए। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की हालत खराब हो गई। यात्रियों ने एसी ऑपरेटर से बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
दो घंटे खड़ी रही ट्रेन, फिर भी नहीं हुई तकनीकी जांच
यात्रियों ने बताया कि ट्रेन जौनपुर स्टेशन पर करीब दो घंटे खड़ी रही, लेकिन इस दौरान सिर्फ कोच की सफाई हुई। तकनीकी खराबी दूर करनेकी कोई कोशिश नहीं की गई। यात्रियों को उम्मीद थी कि स्टॉपेज के दौरान एसी को सही कर दिया जाएगा, लेकिन रेलवे की लापरवाही सामने आ गई।
महिला यात्री बोलीं: बाहर से ज्यादा गर्मी कोच में थी
बी-2 कोच में सफर कर रही महिला यात्री अंजलि ने बताया, “हमने सोचा था कि एसी कोच में राहत मिलेगी, लेकिन यहां तो हालात और भी खराब थे। मेरे बच्चे पसीने से तर-बतर हो गए थे, उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी।”
कैंट स्टेशन पर हंगामा, रेलवे सुरक्षाबल ने संभाला मोर्चा
ट्रेन जब वाराणसी कैंट स्टेशन पर पहुंची और यात्रियों को लगा कि अब भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो गुस्साए यात्रियों ने इमरजेंसी चेन खींच दी। ट्रेन रुकते ही यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए रेलवे सुरक्षाबल (RPF) और जीआरपी को मौके पर बुलाया गया। सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को शांत कराने की कोशिश की और स्टेशन प्रशासन से तत्काल तकनीकी स्टाफ को बुलवाया।
कस्टमर केयर से भी नहीं मिला समाधान
यात्रियों ने बताया कि कई बार रेलवे कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया गया, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन मिले, कार्रवाई नहीं हुई। बी-3 कोच के एक अन्य यात्री ने बताया कि उन्होंने दो बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन हर बार यही कहा गया कि “एसी ठीक हो जाएगा” – पर कोई नहीं आया।
यात्रियों की मांग: यात्रा से पहले हो कोचों की जांच
इस घटना के बाद यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से सख्त मांग की है कि एसी कोचों की तकनीकी जांच यात्रा से पहले अनिवार्य रूप से की जाए। एक यात्री ने कहा, “हम एसी कोच का अतिरिक्त किराया इसीलिए देते हैं कि सफर आरामदायक हो, लेकिन जब गर्मी से जान पर बन आए तो इसका क्या मतलब रहेगा।