डॉगी ने जान देकर मालिक के बेटे को बचाया, सांप को जबड़े में दबाया, 26 बार डसा फिर भी नहीं छोड़ा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ में एक डॉगी ने मालिक के बेटे को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। वह रसेल वाइपर सांप से भिड़ गई। सांप मालिक के बेटे की चारपाई के पास पहुंचने वाला था, तभी डॉगी मिनी सामने आ गई। सांप ने डॉगी को 26 जगह पर काटा।
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ये डॉगी मिनी की इलाज के समय की तस्वीर है, जिसे रसेल वाइपर सांप ने 26 जगह डसा था। |
मिनी के भौंकने की आवाज सुनी तो बेटे वंश की नींद खुली। उसने देखा कि डॉगी मिनी ने सांप को अपने जबड़े में जकड़ रखा है। सांप हर बार फुंकार के साथ मिनी को डसता। मगर मिनी उसे दांतों से दबाकर चारपाई से दूर कर देती। वंश ने तुरंत परिवार वालों को बुलाया।
परिवार वालों ने सांप को काफी मशक्कत के बाद पकड़ा। उसे एक डिब्बे में बंद कर जंगल में छोड़ दिया। इसके बाद डॉगी को अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसने 27 घंटे बाद दम तोड़ दिया। घटना दौराला क्षेत्र की 3-4 जून की दरम्यानी रात की है।
अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए
दौराला के मोहल्ला रामपुरी निवासी किसान अजय कुमार उर्फ कल्लू कोल्हू चलाते हैं। अजय कुमार के दो बेटी आशू, अन्नू और छोटा बेटा वंश (23) हैं। मंगलवार रात को परिवार के लोग गैलरी में सोए हुए थे। वंश गेट की तरफ सबसे आगे सो रहा था।
वंश ने बताया मैं चारपाई पर सो रहा था। इसी बीच रात में घर में रसेल वाइपर प्रजाति का सांप घुस आया। सांप को देखते ही अमेरिकन बुल नस्ल की मेरी पालतू डॉगी मिनी उससे भिड़ गई। सांप ने मिनी को कई जगह डसा। भौंकने की आवाज सुनकर मंगलवार देर रात करीब 3 बजे मेरी नींद खुल गई।
मैंने देखा कि मिनी एक सांप से लड़ रही थी। कुछ देर बाद वह बेहोश होकर गिर गई। सांप लगातार उसे फुंकार मारकर डस रहा था। मैंने तुरंत मम्मी- पापा को बुलाया। इसके बाद हम लोगों ने लोहे की रॉड से सांप को दबा दिया। उसे पकड़कर एक डिब्बे में बंद किया। फिर जंगल में छोड़ आए।
27 घंटे तक जिंदगी-मौत से लड़ती रही डॉगी मिनी
कल्लू ने बताया- मिनी को हम लोग मोदीपुरम पशु चिकित्सालय में ले गए। वहां से फिर गाजियाबाद के डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराया। वह 27 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझती रही। फिर उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद परिवार में सभी दुखी हैं।
मिनी जब एक महीने से भी कम उम्र की थी तब उसे लेकर आए थे। पांच साल से घर में परिवार के सदस्यों की तरह थी। वह बहुत वफादार थी। अब मिनी की याद पूरी करने के लिए बुधवार शाम एक छोटी डॉगी लाए हैं, जिसे 10 हजार में खरीदा है। इसका नाम भी मिनी ही रखा है।
बेटे वंश का कहना है कि हम लोगों ने सांप को नहीं मारा। क्योंकि उसे उसके किए की सजा खुद मिलेगी। मिनी की याद हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। वो अपनी जान देकर हमें बचा गई।
वन विभाग के डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि हमें सांप के बारे में जानकारी नहीं दी गई। सांप की फोटो देखकर लग रहा है कि वह रसेल वाइपर ही है। इस प्रजाति का सांप बेहद विषैला होता है। सरधना रेंज क्षेत्र में 28 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं।
इनमें रसेल वाइपर कोबरा और कोमनक्रथ जहरीले सांपों की श्रेणी में आते हैं। रसेल वाइपर गुस्सैल प्रवृति का सांप है। यह सबसे जहरीला होता है और काटने के बाद एमोटाॅक्सिन जहर छोड़ता है। इसके काटने पर खून जम जाता है। एक घंटे के अंदर ही मौत हो जाती है।