मुख्तार अंसारी के पुत्र उमर की जमानत याचिका खारिज, मां के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर की एडीजे प्रथम शक्ति सिंह की अदालत ने जेल में बंद आईएस 191 गैंग के पूर्व सरगना मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
गाजीपुर पुलिस ने आईएस-191 गैंग के पूर्व सरगना मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को बीते 3 अगस्त को लखनऊ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उमर पर अपने पिता की कुर्क संपत्ति को छुड़ाने के लिए न्यायालय में दाखिल याचिका में अपनी मां आफ्शा अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप है।
मुहम्मदाबाद थाने में उमर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत पहले मुख्तार अंसारी की संपत्ति कुर्क की गई थी। यूपी गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्यवाही की गई थी।
पुलिस के मुताबिक, उमर ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। उसने गाजीपुर न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। आफशां अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। उनके खिलाफ गाजीपुर समेत कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं।
अब जानिए पूरा मामला...
मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट मे दर्ज मुकदमे से जुड़ा हुआ है। इस मामले में आफसा अंसारी की तरफ से प्रकीर्ण प्रार्थना पत्र संख्या 324/2025 दाखिल किया गया था। न्यायालय ने इस पर आख्या मांगी। जांच अधिकारी ने 11 जुलाई 2025 को संबंधित दस्तावेजों की जांच की।
जांच में पता चला कि याचिका के साथ लगे दस्तावेजों पर आफसा अंसारी के हस्ताक्षर संदिग्ध हैं। मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन की पार्टनरशिप डीड पर मौजूद आफसा के हस्ताक्षर याचिका वाले दस्तावेजों से पूरी तरह अलग पाए गए। आफसां इस कंपनी में 60 प्रतिशत की पार्टनर हैं।
याचिकाकर्ता के वकील लियाकत अली ने याचिका में दावा किया था कि आफसां ने अपने बेटे उमर अंसारी के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। मामले की जांच के बाद थाना मुहम्मदाबाद, गाजीपुर में उमर अंसारी और वकील लियाकत के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।