जिंदगी से बेजार हो कर खुद को तबाही की ओर ढकेल देना क्या समझदारी होगी? बेशक नहीं, लेकिन अमला कुछ ऐसा ही करने जा रही थी. सुपर फास्ट नीलांचल ऐक...Read More
कहानी: लौट जाओ अमला
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4:39 pm
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आलोक की सेवानिवृत्ति की बात सुन कर प्रतिभा विचलित हो गई थी. भविष्य के अनजाने डर से उदास प्रतिभा को आलोक ने जीवन का कौन सा सच बताया जिस से घर...Read More
कहानी: रिटायर्ड आदमी
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4:29 pm
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औफिस के गेट पर सारा सीनियर स्टाफ उन का स्वागत करने के लिए खड़ा था. आज वे महीने भर बाद औफिस आए थे. औफिस के गेट पर सारा सीनियर स्टाफ उन का स्व...Read More
कहानी: बदलते मौसम
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9:37 am
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अनुज के पिता बाहर रहते थे और छुट्टियों में 2-4 दिन के लिए ही घर आते थे. बाजार में दादाजी की दुकान थी जिस वजह से सारा बाजार अपना ही लगता था. ...Read More
कहानी: पिता की पगड़ी
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9:23 am
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‘‘आ ओ मेरी मैना, आओ, बैठो. क्या पियोगी? चाय, कौफी या कोक,’’ गोविंद सिंह ने अपने केबिन में प्रवेश करती मोहिनी को देख कर चहकते हुए कहा. मोहिन...Read More
कहानी: भ्रष्टाचार
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10:02 am
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