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गाजीपुर: धनुष मुकुट के साथ रामलीला का मंचन शुरू

गाजीपुर अतिप्राचीन श्रीरामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वाधान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 सितंबर शनिवार को हरिशंकरी स्थित श्रीराम चबूतरा पर धनुष मुकुट का विधान पूर्वक पूजन के बाद रामलीला का शुभारंभ नारद मोह से शुरू किया गया। 

जिसका शुभारम्भ सदर एसडीएम विनय कुमार गुप्ता व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल ने किया। रामलीला मंचन में एक समय देवर्षि नारद अपने भ्रमण के दौराम हिमालय के कन्दराओं में पहंच गए और रमणीय स्थान देखकर तपस्या में लीन हो गए। इसकी सूचना देवराज इंद्र को मिलती है तो अचानक वे भयभीत हो गए कि देवर्षि नारद हमारे राज्य इन्द्र लोक हथियाने के लिए देवर्षि नारद तपस्या तो नहीं कर रहे है। 

उन्होंने कामदेव और रति को बुलाकर नारद मुनि के तपस्या को भंग करने का आदेश दिया। दोनों कामदेव व रति कंदरा में पहुच कर देवऋषि के तपस्या को भंग करने के लिए काफी कोशिश किये, लेकिन नाकाम रहे। अंत में हारकर कामदेव को ऋषिवर ने समझाबुझा कर वापस भेज दिया। इसके बाद नारद ऋषि को अपनी तपस्या पर अहंकार हो गया। उन्होंने कामदेव पर विजय प्राप्त की सूचना ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश को बता दिया। इसके बाद श्रीहरि विष्णु ने अपने योग माया से श्री निवासपुर राज्य की स्थापना किया। वह के राजा शीलनिधि ने अपनी कन्या विश्व मोहिनी का स्वयंबर रचा था। जिसमे नारद ऋषि भी पहंुचे। 

अचानक नारद को देखकर राजा ने अपनी पुत्री के बारे में पूछना चाहा। नारद मुनि ने सारी बात बताने के बाद उल्टे पाव भगवान विष्णु के पास पहुच कर कहा कि जेहि विधि होई नाथ हित मोरा, करहुँ सो बेगि दास मैं तोरा इतना सुनते ही भगवान विष्णु ने नारद जी को बंदर का रूप देकर विदा किया। तब नारद जी वापस स्वयम्बर में पहुचकर एक आसन पर बैठ कर विश्व मोहिनी के हाथ से वर माला पहनने के आशा में बैठ गए। 

उधर भगवान विष्णु राजा के वेश में आकर विश्व मोहिनी के हाथ से वरमाला अपने गले में डलवाकर वापस विष्णु लोक को चले गए। उधर नारद बंदर का रूप देखकर कुपित हो कर विष्णु लोक में जाकर भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जैसे आप ने मुझे बंदर का रूप देकर मेरा सभा मे अपमान किया यही बंदर भालू त्रेतायुग में आपकी मदद करेंगे। इस लीला को देखकर उपास्थि लोग भावविभोर हो गए। इसके अलावा रामलीला कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, मंत्री ओमप्रकाश तिवारी उर्फ बच्चा, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबंधक कार्यवाहक बीरेश राम वर्मा, उपप्रबंधक शिवपूजन तिवारी, योगेश कुमार वर्मा, रामजी पांडेय ने भी आरती पूजन किया।

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