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अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार: लोक संस्कृति और बाजार संस्कृति एक-दूसरे के हैं प्रतिद्वंदी- प्रो. केडी त्रिपाठी

गाजीपुर। लोक संस्‍कृति एवं लोकाचार विषय पर अंतर्राष्‍ट्रीय सेमि‍नार का आयोजन जीवनोदय शिक्षा समिति व सत्‍यदेव डिग्री कालेज गांधीपुरम के तत्‍वावधान में शनिवार को प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में देश-विदेश से आये हुए विद्वानों एवं अतिथियों का अभिनंदन एवं माल्‍यार्पण कर स्‍वागत किया गया। सेमि‍नार का शुभारंभ प्रो. हरिकेश सिंह कुलपति जयप्रकाश विश्‍वविद्यालय छपरा ने दीप प्रज्‍जवलित कर किया। सरस्‍वती वंदना ज्‍योति पांडेय, अमृता जायसवाल व प्रीती ने शंखनाद कर किया। सेमि‍नार को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री विजय मिश्रा ने कहा कि लोकाचार हमारी संस्‍कृति के रुप में जानी जाती है। प्रो. केडी त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि गाजीपुर एक ऐसी जगह है जहां लोकवार्ता को लेकर प्रयास किया जाता है। 

उन्‍होने कहा कि लोक संस्‍कृति और बाजार संस्‍कृति के बीच प्रतिद्वंदता का सबंध होता है जहां सारी व्‍यक्तिगत चिंताए छोड़ देनी पड़ती है। उन्‍होने कहा कि लोक का अर्थ होता है आलोक जो प्रकाशित है वही लोक है। कोई भी लोक बिना भाषा के नही होता। क्षेत्र के संस्‍कृति से विश्‍व की संस्‍कृति बनती है। जो व्‍यक्ति अपने क्षेत्र की संस्‍कृति नही जानता है वह विश्‍व की संस्‍कृति क्‍या जान पायेगा। इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि डा. कमलाकर सिंह पूर्व कुलपति भोज विश्‍वविद्यालय भोपाल थें। 

इस कार्यक्रम में प्रो. राकेश मिश्र इंवर्सिटीज आफ वेस्‍टेंडीज, डा. काशीनाथ सिंह प्राचार्य डा. राम मनोहर लोहिया स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय वाराणसी, प्रो. योगेंद्र सिंह जन नायक चंद्रशेखर विश्‍वविद्यालय बलिया, प्रो. यु कुंडला नालंदा बिहार, प्रो. माइकल बोनेलाक अमेरिका, प्रो. राजेश श्रीवास्‍तव भोपाल, प्रो. केडी त्रिपाठी, राज्‍यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह, पूर्व मंत्री काशीनाथ यादव, पूर्व सुरेंद्र सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थें। मंचासीन अतिथियों का स्‍वागत कार्यक्रम के संरक्षक डा. सानंद सिंह एवं डा. रामनारायण तिवारी ने किया। प्रथम सत्र का संचालन इं. रविंद्र श्रीवास्‍तव ने किया। 

सेमि‍नार के द्वितीय चरण में करमवीर सत्‍यदेव सिंह अभिनंदन ग्रंथ का लोकार्पण किया गया। इस अभिनंदन ग्रंथ की अवधारणा के सूत्रधार डा. आनंद कुमार सिंह थे। इस कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों एवं अपने पिता सत्‍यदेव सिंह व माता श्रीमति सावित्री देवी का माल्‍यार्पण कर डा. सानंद सिंह ने स्‍वागत एवं अभिनंदन किया। लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. आनंद सिंह ने कहा कि माता-पिता का स्‍थान आकाश और धरती से ऊंचा होता है। शब्‍द की महत्‍ता बहुत बड़ी होती है। राजनीति पर प्रकाश डालते हुए उन्‍होने कहा कि राजनीति कर्म करने की प्रेरणा देती है। जो झोपड़ी तक प्रकाश पहुंचाती है। डा. सानंद सिंह की पुस्‍तक अंतर्राष्‍ट्रीय संबंध सिद्धांत और व्‍यवहार का विमोचन पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह और हरिमोहन सिंह बुधवलिया ने किया।

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