Today Breaking News

गाजीपुर: एसएचओ नोनहरा और अटवामोड़ चौकी इंचार्ज निलंबित, विधायक अलका राय संग उलझने का आरोप

गाजीपुर। आखिर एसएचओ नोनहरा केपी सिंह और अटवामोड़ चौकी चौकी इंचार्ज भुपेश कुशवाहा नप ही गए। पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमित मिलने के बाद उन दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस लाइन से अटैच कर दिया। श्री सिंह की जगह गैर जिले से आए श्याम बाबू को नोनहरा एसओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि अटवामोड़ चौकी पुलिस चौकी पर फिलहाल किसी की तैनाती नहीं हुई है। 

निलंबन की कार्रवाई विधायक अलका राय संग दुर्व्यहार और हिस्ट्रीशीटर संग दोस्ताना रिश्ता रखने के आरोप में हुई है। मालूम हो कि रविवार की देर शाम विधायक अलका राय अपने समर्थकों संग रेवतीपुर से लौवाडीह के लिए जा रही थीं। उसी बीच अटवामोड़ पुलिस चौकी के पास उनके प्रतिनिधि आनंद राय मुन्ना की नजर तत्कालीन एसएचओ नोनहरा केपी सिंह पर पड़ी। वह हिस्ट्रीशीटर बदमाश अमित राय के साथ गलबहियां कर रहे थे। उसके बाद अलका राय का काफिला रुका। 

विधायक एसएचओ को एक कुख्यात अपराधी संग ऐसा दोस्ताना बर्ताव के लिए टोकीं। तब एसएचओ उनसे नाहक बहस करने लगे और उस कुख्यात अपराधी को मौके से भगा दिए थे। तब विधायक तथा उनके समर्थक पुलिस चौकी परिसर में धरने पर बैठ गए। सत्ताधारी दल की विधायक के धरने की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम के बालाजी तथा पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से इजाजत लेकर एसएचओ तथा पुलिस चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया। 

तब विधायक तथा उनके समर्थक धरने से उठे। उसके बाद पुलिस कप्तान ने इस पूरे प्रकरण की जांच सीओ मुहम्मदाबाद अनिल राय को सौंपी। अनिल राय ने जांच में एसएचओ तथा पुलिस चौकी इंचार्ज के खिलाफ रिपोर्ट दी। उसमें यहां तक बताए कि केपी सिंह जब करीमुद्दीनपुर थाने के प्रभारी थे। तब भी उन्होंने अमित राय के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की थी जबकि अमित खुलेआम घुमता रहा था। अमित राय करीमुद्दीनपुर थाने के ही जोंगा-मुसाहिब गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ करीमुद्दीनपुर सहित कई थानों में 20 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। अपराध जगत की मानी जाए तो वह मऊ विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी है।
'