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गाजीपुर सीट जीतकर एमएलसी चंचल सिंह ने पार्टी के अंदर व बाहर के विरोधियों को किया चित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर पालिका गाजीपुर अध्‍यक्ष सीट के प्रतिष्‍ठा परक चुनाव में एमएलसी चंचल सिंह ने एक बार फिर अपने ताकत का एहसास पार्टी के अंदर और पार्टी के बाहर के विरोधियों को कराया। भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने एमएलसी चंचल सिंह को गाजीपुर सदर सीट पर जीत के लिए कार्य सौपा था। 

मुख्‍यमंत्री ने व्‍यक्तिगत रूप से एमएलसी चंचल सिंह को यह चुनाव जीतने के निर्देश दिये थे कि हर हालत में इस सीट को जीतना है। भाजपा के प्रदेश हाईकमान को यह खबर मिली की सरिता अग्रवाल को हराने के लिए पार्टी के अंदर गुटबाजी और भीतरघात तेजी से हो रहा है। 

भीतरघात करने वालों में बड़े नेताओं का भी नाम आ रहा था। बड़े नेता सरिता अग्रवाल के जगह पर किसी दूसरे को चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कठोर निर्णय लेते हुए विनोद अग्रवाल की पत्‍नी सरिता अग्रवाल पर दांव लगाया और जिताने की जिम्‍मेदारी एमएलसी चंचल सिंह को दे दी। एमएलसी चंचल सिंह को राजपूत मतों में हो रहें विखराव को रोकने के लिए हाईकमान ने लगाया था क्‍योंकि समाजवादी पार्टी से राजपूत का बड़ा चेहरा गहमरी जी की पुत्री प्रेमा सिंह चुनाव लड़ रही थी। 

एमएलसी चंचल सिंह ने भी चुनाव जीतने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया। कुछ लोग सीएम योगी का जनसभा फ्लाप करना चाहते थे लेकिन एमएलसी चंचल सिंह ने अपने बल भीड़ जुटाकर सभा को सफल कराया। नगर पालिका गाजीपुर की सीट पर भाजपा की जीत का पूरा श्रेय चंचल सिंह को दिया जा रहा है। राजैनतिक गलियारो में चर्चा है कि चंचल सिंह चुनाव परिणाम को मेहनत के बदौलत अपने पक्ष में करा लिये, जबकि उनके विरोध में सपा की पूरी पलटन राधेमोहन सिंह, ओमप्रकाश सिंह और बसपा के अफजाल अंसारी व विजय मिश्र लगें हुए थे। 

इसके बावजूद उन्‍होने लगभग 2500 मतों से चुनाव जीतकर पार्टी के अंदर और बाहर के विरोधियों को अपने ताकत का संदेश दिया।

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